इराक में ग्रीन जोन और अमेरिकी सेना के ठिकाने वाले अड्डे पर मिसाइल हमला: सुरक्षा सूत्र
By भाषा | Published: January 4, 2020 11:46 PM2020-01-04T23:46:38+5:302020-01-05T00:21:44+5:30
समाचार एजेंसी एएफपी ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से कहा है कि इराक की राजधानी के ग्रीन जोन को दो रॉकेट ने दहलाया। बताया जा रहा है कि हमला जिस जगह पर हुआ वहां अमेरिकी सैनिक तैनात थे।
इराक की राजधानी बगदाद के ग्रीन जोन इलाके में दो मोर्टार बम गिरे और अमेरिकी सैनिकों के ठिकाने पर दो रॉकेट शनिवार को आ कर गिरे। यह हमला भीषण अमेरिकी हमले के एक दिन बाद हुआ है।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि बगदाद में शनिवार शाम मोर्टार के गोले ग्रीन जोन में आ कर गिरे। यह उच्च सुरक्षा वाला वह स्थान है जहां अमेरिकी दूतावास स्थित है।
इराकी सेना ने कहा कि एक प्रक्षेपास्त्र जोन के अंदर जा कर गिरा वहीं दूसरा उसके समीप गिरा। सूत्रों ने ‘एएफपी’ को बताया कि हमले के बाद सायरन बजने लगे। उन्होंने बताया कि इसके बाद दो कतयूशा रॉकेट बगदाद के उत्तर में बालाद एयरबेस पर गिरे। यहां अमेरिकी सैनिक रहते हैं।
बता दें कि अमेरिका और ईरान के बीच छद्म युद्ध शुरू होने की बढ़ती आशंकाओं के बीच अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के एक दिन बाद शनिवार तड़के अमेरिका ने एक ताजा हवाई हमले में इराक के हशद अल शाबी अर्द्धसैन्य बल के सदस्यों को निशाना बनाया था।
अमेरिका के ड्रोन हमले में बगदाद में शुक्रवार को मारे गए ईरानी कुद्स बल के कमांडर कासिम सुलेमानी और इराकी अर्द्धसैन्य बल के उप प्रमुख अबु महदी अल मुहंदिस के लिए शोक मार्च निकाला जाना था जिसके कुछ ही घंटों पहले अमेरिका ने एक और हमला कर दिया।
#BREAKING Two rockets hit Iraq base where US troops deployed, security sources say pic.twitter.com/47iPymyFyR
— AFP news agency (@AFP) January 4, 2020
ईरान और अमेरिका के बीच बेहद तनावपूर्ण स्थिति के बीच ये हमले सबसे नाटकीय घटनाक्रम है। ड्रोन हमले के करीब 24 घंटे बाद एक और हमले में इराकी अर्द्धसैन्य नेटवर्क हशद अल शाबी के काफिले को निशाना बनाया गया।
इस नेटवर्क के शिया बहुल धड़ों के ईरान से निकट संबंध हैं। समूह ने अपने बयान में हमले की जानकारी दी लेकिन यह नहीं बताया कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। हालांकि इराकी सरकारी टीवी चैनल ने बताया कि यह हमला अमेरिका ने किया था।
एक पुलिस सूत्र ने बताया कि बमबारी में हशद के काफिले को निशाना बनाया गया और जिसमें कई लोग ‘‘हताहत’’ हुए। उन्होंने मरने वालों की सटीक संख्या नहीं बताई। इस संबंध में अमेरिका ने कोई तत्काल टिप्पणी नहीं की है। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के शक्तिशाली कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की शुक्रवार को मौत हो गई थी। जनरल सुलेमानी (62) को अयातुल्ला खामेनी के बाद ईरान में सबसे ताकतवर माना जाता था। उनका कुद्स फोर्स ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक इकाई था जो सीधे-सीधे अयातुल्ला को रिपोर्ट करता है। इस हमले में रेवोल्यूशनरी गार्ड्स और हशद के पांच-पांच सदस्य मारे गए थे।
इराक में शनिवार को ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी और इराकी अर्द्धसैन्य बल के उप प्रमुख अबु महदी अल मुहंदिस के अंतिम संस्कार के लिए निकाले गये जुलूस में हजारों लोग शामिल हुये, जो ‘‘अमेरिका मुर्दाबाद’’ नारा लगाते हुये चल रहे थे।
अंतिम संस्कार में शामिल कई लोगों ने काले कपड़े पहन रखे थे, और उनके हाथों में इराकी और इरान समर्थित मिलिशिया के झंडे थे।
शोक सभा में इराक के प्रधानमंत्री अब्देल अब्देल महदी, मुहंदिस के सहयोगी हादी अल अमेरी, शिया धर्मगुरु अम्मार अल हकीम, पूर्व प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी और ईरान समर्थक अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हुए।
वहीं, अमेरिकी ड्रोन हमले में बगदाद में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद नाटो ने इराक में अपने प्रशिक्षण मिशनों को फिलहाल स्थगित कर दिया है। गठबंधन सेना के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। इराक स्थित नाटो के मिशन में हजारों कर्मी हैं। यह मिशन बगदाद के अनुरोध पर इराकी सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण दे रहा है ताकि वहां जिहादी संगठन इस्लामिक स्टेट की वापसी को रोका जा सके।
वहीं, अमेरिकी हमले में ईरान एवं इराक के शीर्ष कमांडरों के मारे जाने की घटना के बाद उग्रपंथियों के खिलाफ लड़ाई में मदद कर रहे अमेरिका के नेतृत्व वाले सुरक्षा बलों की संख्या इराक अभियान में कम कर दी गई है। अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। अमेरिकी नेतृत्व वाले बल ने अपना प्रशिक्षण और चरमपंथियों के खिलाफ अभियान ‘‘सीमित’’ कर दिया है।
उसने कहा, ‘‘हमारी शीर्ष प्राथमिकता गठबंधन सैनिकों की सुरक्षा है।’’ सूत्रों ने बताया, ‘‘यह (अभियान) बंद नहीं हुआ है। जिन इराकी सैन्य अड्डों पर हमारी गठबंधन सेनाएं मौजूद हैं, वहां हमने सुरक्षा बढ़ा दी है और रक्षात्मक उपाय किए हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि हाल के महीने में अमेरिकी सैनिकों पर ईरान समर्थित धड़े की ओर से रॉकेट हमलों में इजाफा होने के बाद यह बदलाव किया गया है। निगरानी प्रयासों का ध्यान अब इस्लामिक स्टेट समूह के बजाय संभावित नये हमलों पर केंद्रित है। पिछले महीने रॉकेट हमले में एक अमेरिकी ठेकेदार की मौत हो गई थी जिससे इराकी जमीन पर अमेरिका और ईरान के बीच छद्म युद्ध की आशंका बढ़ गई थी।