चीन को जवाब देने के लिए ताइवान ने बनाई स्वदेशी पनडुब्बी, बारूदी सुरंगें बिछाने और युद्धपोतों पर हमला करने में सक्षम
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 29, 2023 02:43 PM2023-09-29T14:43:52+5:302023-09-29T14:45:08+5:30
दशकों से ताइवान चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को रोकने के लिए पनडुब्बियों का एक बेड़ा बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। अब ताइवान को इसमें सफलता मिली है। ताइवान ने अपनी पहली स्वदेशी पनडुब्बी को दुनिया के सामने पेश किया है।
नई दिल्ली: चीन आए दिन अपनी सैन्य शक्ति की धौंस ताइवान को दिखाता रहता है। लेकिन अब ताइवान ने भी पूरी तैयारी कर ली है कि अगर चीन ने सैनिक कार्रवाई की हिमाकत की तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा। इसी क्रम में ताइवान ने अपनी पहली स्वदेशी पनडुब्बी को दुनिया के सामने पेश किया है। ताइवान ने डीजल से चलने वाली इस सबमरीन को खास तौर पर चीन को जवाब देने के लिए विकसित किया है।
इस सबमरीन का प्रदर्शन ताइवान के बंदरगाह शहर काऊशुंग में किया गया जो दक्षिण चीन सागर के तट पर है। ताइवान की नौसेना चार दशक से ये सपना देख रही थी कि उसका सपना साकार हो। ताइवानी पनडुब्बी 230 फीट लंबी है। इसका वजन लगभग 3,000 टन है और यह बारूदी सुरंगें बिछाने और युद्धपोतों पर हमला करने में सक्षम है।
ताइवान इस पनडुब्बी के निर्माण में पिछले सात साल से जुटा हुआ था। ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने पनडुब्बी पर शैम्पेन की एक बोतल तोड़ कर इसका अनावरण किया। इस मौके पर त्साई इंग-वेन ने कहा कि स्वदेशी पनडुब्बियों का निर्माण करना एक लंबी और जटिल यात्रा है जिसे उनके देश ने पूरा करके दिखाया है। इस पनडुब्बी का नाम नॉरवाल रखा गया है।
बता दें कि दशकों से ताइवान चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को रोकने के लिए पनडुब्बियों का एक बेड़ा बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। बीजिंग इस द्वीप को अपने क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करता है और जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक इस पर नियंत्रण करने की कसम खाई है। आए दिन चीन अपने लड़ाकू विमान और जंगी जहाज ताइवानी सीमा की तरफ भेजा करता है। हालांकि ताइवान लंबे समय से चीन की किसी भी हिमाकत का जवाब देने की तैयारी कर रहा है। इसमें ताइवान को अमेरिका का साथ भी मिलता है। ताइवान ने अमेरिकी मदद से अन्य सैन्य साजो सामान भी जुटाए हैं। जिनका इस्तेमाल किसी भी संकट की स्थिति में किया जाएगा।