चीन की आक्रामकता, बलप्रयोग की प्रकृति क्वाड के बीच अक्सर चर्चा का विषय रही है : पेंटागन

By भाषा | Updated: October 1, 2021 08:51 IST2021-10-01T08:51:11+5:302021-10-01T08:51:11+5:30

The nature of China's aggression, use of force has been the subject of frequent discussion among the Quad: Pentagon | चीन की आक्रामकता, बलप्रयोग की प्रकृति क्वाड के बीच अक्सर चर्चा का विषय रही है : पेंटागन

चीन की आक्रामकता, बलप्रयोग की प्रकृति क्वाड के बीच अक्सर चर्चा का विषय रही है : पेंटागन

(ललित के. झा)

वाशिंगटन, एक अक्टूबर अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा कि संसाधन बहुल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता और बलप्रयोग की प्रकृति क्वाड देशों के बीच अक्सर चर्चा का विषय रही है।

सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिहाज से एक नयी रणनीति विकसित करने के लिए नवंबर 2017 में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने लंबे समय से लंबित क्वाड की स्थापना के प्रस्ताव को आकार दिया था।

पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने बृहस्पतिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘क्वाड के बहुत सारे परिणाम हैं और सभी का चीन से कोई नाता नहीं है... ऐसा नहीं है कि क्वाड का अस्तित्व केवल चीन या उसके प्रभाव का मुकाबला करने के लिए है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन क्या कर रहा है, जिस आक्रामकता, बलप्रयोग के जरिए वह अपने दावों को पेश करने की कोशिश करता है, निश्चित रूप से यह क्वाड में हमारे सभी सहयोगियों तथा भागीदारों के साथ लगातार चर्चा का एक विषय रहा है।’’

किर्बी ने कहा, ‘‘क्वाड व्यवस्था हमें सभी प्रकार की पहलों पर बहुपक्षीय रूप से काम करने का एक और शानदार अवसर प्रदान करती है, जो हमें वास्तव में एक स्वतंत्र एवं खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाने में मदद कर सकता है, जैसा कि हम चाहते हैं। इसमें काफी कुछ है और हर चीज का चीन से नाता नहीं है।’’

गत 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा आयोजित क्वाड नेताओं की पहली आमने-सामने की बैठक में भाग लिया था।

हिंद-प्रशांत में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत की पृष्ठभूमि में भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां क्षेत्र को एक स्वतंत्र, खुला और संसाधन संपन्न क्षेत्र बनाने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं। चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग सभी क्षेत्र पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी बनाए हैं।

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Web Title: The nature of China's aggression, use of force has been the subject of frequent discussion among the Quad: Pentagon

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