लाइव न्यूज़ :

न्यू कैलेडोनिया के मतदाताओं ने फ्रांस का हिस्सा बने रहने का फैसला किया

By भाषा | Updated: December 12, 2021 20:21 IST

Open in App

नौमिया (न्यू कैलेडोनिया), 12 दिसंबर (एपी) फ्रांस के प्रशांत सागरीय क्षेत्र न्यू कैलेडोनिया के मतदाताओं ने रविवार को फ्रांस के साथ बने रहने के पक्ष में मतदान किया। हालांकि स्वतंत्रता समर्थक शक्तियों ने इस जनमत संग्रह का बहिष्कार किया।

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने (जनमत संग्रह के) इस परिणाम को हिंद प्रशांत क्षेत्र में फ्रांस की भूमिका पर शानदार मुहर बताया एवं इस क्षेत्र के भावी दर्जे पर चर्चा करने की घोषणा की। हालांकि अलगाववादी कार्यकर्ताओं ने निराशा प्रकट की।

अलगाववादी कार्यकर्ताओं ने महामारी के चलते जनमत संग्रह में देरी करने की अपील की थी। वे नाराज हैं और उनका आरोप है कि फ्रांस सरकार ने अभियान को प्रभावित करने का प्रयास किया। इसलिए उन्होंने अपने समर्थकों से मतदान केंद्रों से दूर रहने का आह्वान किया था। ऐसा हुआ भी।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जितने लोगों ने मतदान किया, उनमें 96 फीसद ने फ्रांस के साथ ही रहने का फैसला किया। वैसे मतदान का प्रतिशत महज 42 रहा। यह आंकड़ा पिछले स्वतंत्रता संबंधी जनमत संग्रह में जुटे मतदाताओं के आधे से भी कम है। तब जनमत संग्रह में फ्रांस से अलग होने के पक्ष में 46.7 फीसद मतदाता थे।

सदर्न प्रोविंस क्षेत्र की अध्यक्ष सोनिया बैक्स ने कहा,‘‘ आज रात, हम फ्रांसीसी हैं और हम ऐसा ही बने रहेंगे।’’

मतदान संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में हुआ। उपनिवेश की मुक्ति के वैश्विक प्रयास तथा इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच यह जनमत संग्रह कराया गया।

न्यू कैलेडोनिया एक द्वीपसमूह है जिसे 19वीं सदी में नेपोलियन के भतीजे ने उपनिवेश बनाया था। इस क्षेत्र में 2,70,000 लोग रहते हैं।

मैक्रों ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने संबोधन में कहा, ‘‘ आज रात फ्रांस और सुंदर हो गया है क्योंकि न्यू कैलेडोनिया ने (फ्रांस के साथ) बने रहने का फैसला किया है।’’

रविवार का मतदान तीन दशक से चल रही उपनिवेश मुक्ति प्रक्रिया का तीसरा एवं आखिरी चरण था। यह प्रक्रिया 1988 की हिंसा से शुरू हुई थी। तब फ्रांस ने नौमिया समझौते के तहत न्यू कैलेडोनिया को व्यापक स्वायत्तता दी थी।

हालांकि, यह प्रक्रिया इस आखिरी जनमत संग्रह के साथ समाप्त नहीं हुई है। अब फ्रांस, अलगाववादियों एवं गैर अलगाववादियों के पास नए दर्जे पर वार्ता करने के लिए 18 महीने हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

टेकमेनियाYouTube down: यूट्यूब हुआ डाउन, भारत और यूएस में हजारों यूजर्स ने वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के साथ समस्याओं की शिकायत की

क्रिकेटIND Vs SA 5th T20I: आज क्यों नहीं खेल रहे हैं शुभमन गिल? भारत के उप-कप्तान को लेकर BCCI ने मेडिकल अपडेट जारी किया

क्रिकेटU19 Asia Cup 2025: श्रीलंका को हराकर अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में पहुँचा भारत, PAK से होगी खिताबी जंग

भारतहरियाणा सरकार पर जनता का नॉन-स्टॉप भरोसा, मुख्यमंत्री

भारतमध्य प्रदेश: '2047 तक प्रदेश की इकोनॉमी 2.5 ट्रिलियन डॉलर होगी', मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा के विशेष सत्र को किया संबोधित

विश्व अधिक खबरें

विश्वBangladesh Protests: तुम कौन हो, मैं कौन हूं - हादी, हादी, बांग्लादेश में प्रदर्शन तेज, करोड़ों का नुकसान, वीडियो

विश्वयुवा नेता की मौत से फिर सुलग उठा बांग्लादेश, भारतीय दूतावास पर फेंके गए पत्थर; प्रमुख मीडिया कार्यालयों में लगाई आग

विश्व‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ सम्मान से नवाजा?, पीएम मोदी को अब तक दूसरे देशों में 28 से अधिक उच्चतम नागरिक सम्मान, देखिए लिस्ट

विश्वभगोड़े मेहुल चोकसी को बेल्जियम कोर्ट से नहीं मिली राहत, सर्वोच्च अदालत ने भारत प्रत्यर्पण दी की मंजूरी

विश्व1 जनवरी 2026 से लागू, 20 और देशों पर यात्रा प्रतिबंध?, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा, देखिए सूची