तालिबान के कब्जे में 7 विदेशियों का कोई अता-पता नहीं, अब तक केवल 2 पत्रकारों को छोड़ा, पुलिस हिरासत में अब भी करीब 50 मीडियाकर्मी बंधक
By आजाद खान | Updated: February 12, 2022 12:43 IST2022-02-12T11:50:45+5:302022-02-12T12:43:36+5:30
अफगानिस्तान के पूर्व उपाध्यक्ष अमरुल्ला सालेह ने कहा कि यहां पर कोई मीडिया नहीं होने के कारण अपराध लोगों तक सामने नहीं आ पा रहे हैं।

तालिबान के कब्जे में 7 विदेशियों का कोई अता-पता नहीं, अब तक केवल 2 पत्रकारों को छोड़ा, पुलिस हिरासत में अब भी करीब 50 मीडियाकर्मी बंधक
संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाले दो पत्रकारों को तालिबान द्वारा हिरासत में लिया गया था जिन्हें आज रिहा कर दिया गया है। अल जजीरा के मुताबिक, जिन दो विदेशी पत्रकारों को तालिबान ने हिरासत में लिया था उन्हें छोड़ दिया गया है। बताया जाता है कि हिरासत में लिए हुए पत्रकारों में एक बीबीसी के पूर्व पत्रकार एंड्रयू नॉर्थ के साथ एक अन्य शख्स भी शामिल था। जानकारी के अनुसार, तालिबान ने करीब अन्य सात और विदेशी नागरिकों का अपहरण किया है जिनका अभी तक कोई पता नहीं चला है। वहीं इस पर जब तालिबान के प्रवक्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे मामले का पता लगा रहे हैं। वे यह भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या उनका अपहरण हुआ है या नहीं हुआ है।
तालिबान पर क्या आरोप लगा है
जानकारी के अनुसार, तालिबान पर यह आरोप लगा है कि उसके लोगों ने दो विदेशी पत्रकारों के साथ सात अन्य लोगों को हिरासत में लिया है। हिरायत में लिए गए लोगों में से सात विदेशी नागरिक है और एक बीबीसी के पूर्व पत्रकार एंड्रयू नॉर्थ भी शामिल है। इसके साथ गंडोमक रेस्तरां के मालिक पीटर जुवेनल को भी हिरासत में लिए जाने की बात सामने आई है। हालांकि इस दावे पर तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिदी ने मामले की जानकारी लेने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका अपहरण हुआ है या नहीं, वे इस बात का भी पता लगाएगे।
दो पत्रकारों को रिहा किया गया
अल जजीरा के अनुसार, तालिबान द्वारा अगवा किए गए दो पत्रकारों को रिहा कर दिया गया है बीबीसी के पूर्व पत्रकार एंड्रयू नॉर्थ भी शामिल हैं। ये लोग अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के लिए काम कर रहे थे तभी तालिबान ने इन्हे अगवा किया था। इनके साथ खई और लोग भी थे।
Two international journalists who were detained while on an assignment for the UN refugee agency in the Afghan capital have been released https://t.co/cZ5WchXNZVpic.twitter.com/9lYJnJ9UUy
— Al Jazeera English (@AJEnglish) February 12, 2022
पत्रकारों के हिरासत के बाद यूएनएचसीआर ने क्या कहा था
अफगानिस्तान में पत्रकारों के हिरासत के बाद यूएनएचसीआर ने इसकी जानकारी दी थी और आगे इस पर बयान देने से बचते हुए भी देखा गया है। यूएनएचसीआर ने ट्वीट कर कहा, “यूएनएचसीआर के दो पत्रकारों और उनके साथ काम करने वाले अफगान नागरिकों को काबुल में हिरासत में लिया गया है। हम दूसरों के साथ समन्वय करके स्थिति को सुलझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।” यूएनएचसीआर ने आगे ट्वीट में कहा, “हम स्थिति की प्रकृति को देखते हुए कोई और टिप्पणी नहीं करेंगे।”
Two journalists on assignment with UNHCR and Afghan nationals working with them have been detained in Kabul. We are doing our utmost to resolve the situation, in coordination with others.
— UNHCR, the UN Refugee Agency (@Refugees) February 11, 2022
We will make no further comment given the nature of the situation.
अफगानिस्तान के पूर्व उपाध्यक्ष ने क्या किया दावा
अफगानिस्तान के पूर्व उपाध्यक्ष अमरुल्ला सालेह ने यह भी दावा किया है कि दो विदेशी पत्रकारों के अलावा तालिबान ने आठ अन्य पश्चिमी लोगों का अपहरण किया है। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में कोई मीडिया नहीं है औऱ न ही यहां कोई खबर की रीपोर्टिंग करता है। यही कारण है कि यहां होने वाले अपराध लोगो के सामने नहीं आ पा रहे हैं।
Due to no media, no reporting by citizens & a suffocating atmosphere corruption, crime & atrocities aren't well exposed. As an example 9 citizens of western countries hv been kidnapped amongst them Andrew North of BBC & Peter Juvenal owner of Gandomak Restaurant. Talibs r liars.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) February 11, 2022
सालेह के अनुसार, अपहरण हुए लोगों में बीबीसी के एंड्रयू नॉर्थ और गंडोमक रेस्तरां के मालिक पीटर जुवेनल भी शामिल हैं।
बीबीसी के पूर्व पत्रकार की पत्नी ने क्या कहा
बीबीसी के पूर्व पत्रकार को तालिबान द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद उनकी पत्नी नतालिया एंटेलवा ने ट्वीट कर कहा, एंड्रयू काबुल में UNHCR @Refugees के लिए काम कर रहे थे, वे अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे थे, हम उसकी सुरक्षा के लिए बेहद चिंतित हैं और किसी भी बड़े अधिकारियों से उसकी रिहाई सुनिश्चित करने में मदद करने का आह्वान करते हैं।"
Thank you everyone for your messages. Andrew was in Kabul working for the UNHCR @Refugees trying to help the people of Afghanistan. We are extremely concerned for his safety & call on anyone with influence to help secure his release. https://t.co/04nc8oayg5
— natalia antelava (@antelava) February 11, 2022
तालिबान की खुफिया इकाई के सदस्य ने क्या कहा
काबुल में तालिबान की खुफिया इकाई का एक सदस्य ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि यहां पर कई विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है। वहीं बीबीसी के विदेशी संपादक पॉल दानहर ने बीबीसी के पूर्व पत्रकार एंड्रयू नॉर्थ के बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि वे काबुल में संयुक्त राष्ट्र के लिए काम कर रहा है। एंड्रयू को उन्होंने एक पूर्व सहयोगी और एक सम्मानित पत्रकार भी बताया है।
Andrew North is working for the UN in Kabul. He is a former colleague and a respected journalist. All inquiries about his situation, which his friends and colleagues are obviously concerned about, should be directed to the UN. Please correct your tweet.
— Paul Danahar (@pdanahar) February 11, 2022
क्या कहना था तालिबान सरकार के प्रवक्ता का
एजेंसी फ्रांस-प्रेस के अनुसार, तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिदी ने इस मामले में कहा कि वे इस बात का पता लगा रहे। जबीहुल्लाह ने यह भी कहा कि वे यह भी जानने की कोशिश कर रहे है कि क्या उन विदेशी पत्रकारों के साथ अपहरण हुआ है या बात कुछ और ही है।
इस हिरासत का कब हुआ खुलासा
आपको बता दें कि इस हिरासत की खबर तक सामने आई थी जब अफगानिस्तान में ब्रिटेन मिशन के कतर स्थित प्रमुख ह्यूगो शॉर्टर के नेतृत्व में एक ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से मुलाकात करने के लिए काबुल के लिए उड़ान भरी थी।
क्या है तालिबान की चिंता
ह्यूगो शॉर्टर ने बताया कि उन्होंने मानवीय संकट के साथ मानवाधिकारों के हनन की भी चर्चा की है। तालिबान फिलहाल अंतरराष्ट्रीय वैधता हासिल करने की कोशिश कर रहा है क्योंकि उसे यह चिंता सता रही है अगर वह कुछ गलत करता है तो उसके विदेशों में रखी गई संपत्ति और वहां से मिलने वाली सहायता को फ्रीज किया जा सकता है।
करीब 50 अफगान मीडियाकर्मी किए गए है गिरफ्तार
वहीं यह भी खबर सामने आ रही है कि कई मीडियाकर्मियों को भी हिरासत में लिया गया है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के अनुसार, कम से कम 50 अफगान मीडियाकर्मियों को पुलिस या तालिबान की खुफिया एजेंसी द्वारा गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है।
प्रेस की स्वतंत्रता को तालिबान दबा रहा है
एपीएफ के अनुसार, इस मामले में पत्रकारों की रक्षा करने वाली समिति ने कहा कि यह गिरफ्तारियां "प्रेस की स्वतंत्रता पर वार है जो तालिबान के राज में पत्रकारों पर हमला को जताता है। वहीं अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद संयुक्त राष्ट्र इस बात पर ज्यादा जोर दे रहा है कि वह अफगानिस्तान में आवश्यक मानवीय सहायता को कैसे लोगों तक पहुंचाएं।