तालिबान के शीर्ष राजनीतिक सलाहकार समेत समूह के वरिष्ठ ओहदेदारों ने मंगलवार को मास्को में अफगानिस्तान की राजनीतिक हस्तियों से मुलाकात की और कहा कि वे अफगानिस्तान में शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं।
तालिबान के सह-संस्थापक और नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने कहा कि आतंकवादी 18 साल के संघर्ष को समाप्त करना चाहते हैं लेकिन विदेशी ताकतों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद ही समझौते पर दस्तखत करेंगे।
बरादर ने रूस और अफगानिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों के 100 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित दो दिन के सम्मेलन की शुरूआत में टेलीविजन संदेश में कहा कि तालिबान शांति के लिए वास्तव में प्रतिबद्ध है लेकिन सोचता है कि शांति में अवरोधक बनी ताकतों को पहले हटाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अवरोध अफगानिस्तान पर कब्जा है और यह समाप्त होना चाहिए।’’ तालिबान के गठन में मुल्ला उमर की मदद करने वाले बरादर को पाकिस्तान की एक जेल से रिहाई के बाद जनवरी में समूह का राजनीतिक प्रमुख नियुक्त किया गया था।
मास्को में मंगलवार को होने वाली बैठक में राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार के वरिष्ठ सदस्यों को एक बार फिर रोका गया जिसे तालिबान अमेरिका समर्थित कठपुतली शासन कहता है। हालांकि काबुल प्रशासन के उच्च शांति परिषद के प्रमुख को इसमें भाग लेना था।
बैठक में पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और सितंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में गनी को चुनौती देने वाले उम्मीदवार भी उपस्थित थे।