लाइव न्यूज़ :

काबुल से बस 90 किलोमीटर दूर तालिबान, कंधार के बाद लोगार प्रांत पर भी कब्जा करने का दावा

By विनीत कुमार | Updated: August 13, 2021 16:01 IST

तालिबान ने दावा किया है कि उसने लोगार प्रांत पर कब्जा जमा लिया है। इससे पहले तालिबान कंधार और हेरात पर भी पिछले दो दिनों में कब्जा कर चुका है।

Open in App
ठळक मुद्देलोगार प्रांत पर कब्जा करने का तालिबान ने किया दावा, इससे पहले कंधार और हेरात शहर भी उसके कब्जे में आ चुके हैं।पिछले करीब 10 दिनों में कंधार समेत अफगानिस्तान के 15 प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान ने किया है कब्जा। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार अगले 90 दिनों में तालिबान के काबुल तक पहुंचने की आशंका

तालिबान ने कंधार के बाद अब लोगार प्रांत पर भी कब्जा जमा लेने का दावा किया है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से ये प्रांत बस 90 किलोमीटर दूर है। इससे पहले शुक्रवार सुबह ही तालिबान ने कंधार पर कब्जा कर लेने का दावा किया था जो अफगानिस्तान का दूसरा बड़ा शहर है। 

इससे पहले गुरुवार को तालिबान की ओर से अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर कब्जा का दावा किया गया था। तालिबान तेजी से अफगानिस्तान के कई हिस्सों पर कब्जा जमाता जा रहा है। 

खासकर पिछले एक हफ्ते में उसने कई प्रांतीय राजधानी पर अपना वर्चस्व कायम कर लिया है। तालिबान अब करीब 8 से 9 प्रांतों पर पूरी तरह से कब्जा कर चुका है। साथ ही कुल 163 जिले उसके कब्जे में आ गए हैं। 

तालिबान ने अब तक पिछले करीब 10 दिनों में कंधार समेत अफगानिस्तान के 15 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा किया है और अब उसकी नजर देश की राजधानी काबुल पर है। अफगानिस्तान में 34 प्रांतीय राजधानी हैं। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार अगर ऐसी ही स्थिति रही तो 90 दिनों में तालिबान काबुल तक पहुंच जाएगा और उस पर कब्जा जमा सकता है।

अमेरिका, ब्रिटेन दूतावास कर्मचारियों को निकालने में जुटे

अफगानिस्तान में खराब होते हालात के बीच अमेरिका अपनी सेना की 3000 टुकड़ियों को काबुल में अमेरिकी दूतावास से निकालने के लिए भेजने पर योजना बना रहा है। वहीं ब्रिटेन ने भी कहा है कि वह अपने कुछ सैनिकों को ब्रिटिश नागरिकों को अफगानिस्तान से सुरक्षित तरीके से निकालने के लिए भेजेगा। कनाडा भी अपने दूतावास के कर्मचारियों को निकालने के लिए स्पेशल फोर्स भेज रहा है।

बता दें कि अमेरिका और नाटो के सैनिक करीब 20 साल पहले अफगानिस्तान आए थे और उन्होंने तालिबान सरकार को अपदस्थ किया था। अमेरिकी सेना का ताजा खुफिया आकलन बताता है कि काबुल 30 दिन के अंदर तालिबान के दबाव में आ सकता है और मौजूदा स्थिति बनी रही तो कुछ ही महीनों में पूरे देश पर नियंत्रण हासिल कर सकता है।  

इस बीच ये रिपोर्ट भी आई है कि अफगानिस्तान में अगर तालिबान पूरी तरह से कब्जा कर लेता है और चुनी हुई सरकार अपदस्थ होती है तो चीन आतंकी संगठन को अफगानिस्तान के शासक के तौर पर मान्यता दे देगा।

तालिबान के डर से घर छोड़ भाग रहे अफगानी

इस बीच तालिबान के बढ़ते आतंक के बीच अफगानिस्तान के विभिन्न प्रांतों से हजारों लोग अपना घर छोड़कर भाग रहे हैं। इस बीच कतर में शांति वार्ता रूकी हुई है हालांकि राजनयिक अभी भी मुलाकात कर रहे हैं।

एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी घोर प्रांत में प्रांतीय परिषद के प्रमुख फजल हक अहसान ने शुक्रवार को कहा कि तालिबान प्रांतीय राजधानी फिरोज कोह में प्रवेश कर गया है, और शहर के अंदर लड़ाई चल रही है। उन्होंने बताया कि वह शहर के बाहरी इलाके में थे और अधिक जानकारी देने में असमर्थ थे।

टॅग्स :तालिबानअफगानिस्तान
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वUS: ट्रंप ने अफगान वीजा किया रद्द, अब अमेरिका नहीं आ सकेंगे अफगान नागरिक, व्हाइट हाउस फायरिंग के बाद एक्शन

विश्वकौन हैं रहमानुल्लाह लकनवाल? जिसने नेशनल गार्ड पर चलाई गोलियां, अफगान से है कनेक्शन

विश्वUS: व्हाइट हाउस के पास गोलीबारी, आरोपी निकला अफगानी शख्स, ट्रंप ने आतंकवादी कृत्य बताया

विश्व10 अफ़गानी मारे गए, जवाबी कार्रवाई की चेतावनी: पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान के बीच फिर से बढ़ा तनाव

क्रिकेटHong Kong Sixes 2025: नेपाल के तेज़ गेंदबाज़ राशिद खान ने अफगानिस्तान के खिलाफ ली हैट्रिक, दोहरा रिकॉर्ड बनाकर रचा इतिहास VIDEO

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ सम्मान से नवाजा?, पीएम मोदी को अब तक दूसरे देशों में 28 से अधिक उच्चतम नागरिक सम्मान, देखिए लिस्ट

विश्वभगोड़े मेहुल चोकसी को बेल्जियम कोर्ट से नहीं मिली राहत, सर्वोच्च अदालत ने भारत प्रत्यर्पण दी की मंजूरी

विश्व1 जनवरी 2026 से लागू, 20 और देशों पर यात्रा प्रतिबंध?, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा, देखिए सूची

विश्वIndia-Israel: विदेश मंत्री जयशंकर की इजरायली पीएम नेतन्याहू से मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा

विश्वविदेशी धरती पर पीएम मोदी को मिला इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान, यह अवार्ड पाने वाले बने विश्व के पहले नेता