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इराक में स्वीडन दूतावास पर हमला, प्रदर्शनकारियों ने कुरान जलाने की घटना को लेकर बोला धावा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 30, 2023 14:45 IST

इराक की राजधानी बगदाद में स्वीडन में जलाई गई कुरान की घटना के संबंध में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं और प्रदर्शनकारी इराक की राजधानी बगदाद स्थित स्वीडन दूतावास में घुस गये हैं।

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ठळक मुद्देइराक की राजधानी बगदाद में स्वीडन में जलाई गई कुरान की घटना के संबंध में हुआ विरोध-प्रदर्शनहिंसक प्रदर्शनकारियों ने स्वीडन के दूतावास पर बोला धावा, फेंका पर्चा प्रदर्शनकारियों के फेंके पर्चोे में लिखा था, "हमारा संविधान कुरान है"

बगदाद: स्वीडन में कुरान जलाये जाने को लेकर इराक की राजधानी बगदाद में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने स्वीडन के स्टॉकहोम स्थित एक मस्जिद के बाहर कुरान जलाने के विरोध में स्वीडन के दूतावास पर हमला कर दिया है और दुतावास में घुस गये हैं।

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार शिया मौलवी मुक्तदा सद्र के समर्थकों की भीड़ उनके जाने से पहले लगभग 15 मिनट तक दूतावास परिसर में रही। जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों अपने साथ पर्चों लाये गये थे, जिस पर लिखा था, "हमारा संविधान कुरान है"। वहीं दूतावास परिसर के गेट पर फेंके गये पर्चों में विखा था, "हां, कुरान के लिए हां।"

यह विरोध प्रदर्शन स्वीडन में रहने वाले 37 साल के इराकी मूल के नागरिक सलवान मोमिका ने इस्लामिक पवित्र पुस्तक कुरान को सार्वजनिक तौर पर जला दिया। खबरों के अनुसार बकरीद किये गये इस कृत्य की मुस्लिम देशों की ओर से तीव्र निंदा की जा रही है। इस संबंध में सऊदी अरब ने कहा कि सलवान ने नागरिक स्वतंत्रता के नाम पर स्टॉकहोम की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कुरान की बेअदबी की, वो किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।

स्वीडिश पुलिस के अनुसार मोमिका को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सुरक्षा के अनुरूप अपना विरोध-प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि बाद में बवाल बढ़ने पर पुलस अधिकारियों ने कहा कि मोमिन के प्रदर्शन की जांच की जा रही है। दरअसल इस घटना ने बेहद तीव्र गति से इस कारण आग पकड़ ली क्योंकि मोमिन ने जिस दिन घटना को अंजाम दिया, उस दिन पूरे विश्व के मुसलमान ईद-उल-अधा मना रहे थे और सऊदी अरब के मक्का की वार्षिक हज यात्रा समाप्त हो रही थी।

इराकी विदेश मंत्रालय ने स्वीडेन में जलाई गई कुरान की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुरान को जलाने के लिए "चरमपंथी" विरोध को हरी झंडी देने के स्टॉकहोम के फैसले की कड़ी निंदा की जानी चाहिए और इस कृत्य ने दुनिया भर के मुसलमानों की भावनाओं को भड़काया और एक खतरनाक उकसावे को ढकेला है।

वहीं शिया मौलवी मुक्तदा सद्र ने इस मामले में विदेश मत्रालय की निंदा सेे एक कदम आगे बढ़ते हुए स्वीडिश दूतावास पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया और इराक में तैनात स्वीडन के राजदूत को फौरन हटाने की मांग की और कहा कि स्वीडेन "इस्लाम के प्रति शत्रुतापूर्ण" नियत रखता है।

टॅग्स :इराकस्वीडन
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