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ईरान में फिर लौटी हिजाब पर सख्ती, 10 महीने पहले महसा अमिनी की गई थी जान

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 17, 2023 09:58 IST

ईरान हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के 10 महीनों बाद एकबार फिर मुल्क में हिजाब की अनिवार्यता बल दे रहा है और महिलाओं में हिजाब प्रथा को सख्ती से लागू करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ रहा है।

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ठळक मुद्देईरान में 10 महीनों की खामोशा के बाद एक बार फिर हिजाब का जिन्न निकला बोलत से बाहर ईरान सरकार महिलाओं में हिजाब प्रथा को एक बार फिर से लागू कराने की दिशा में बढ़ा रही है कदमईरान की 'नैतिकता पुलिस' इस विवाद में लंबे समय तक खामोश रहने के बाद फिर लौटी रंगत में

तेहरान:ईरान में एक बार फिर हिजाब को लेकर वहां की 'नैतिकता पुलिस' सख्त नियमों को जबरिया लागू करवाने में लग गई है। इसके साथ ही ईरान हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के 10 महीनों बाद मुल्क में एक बार फिर हिजाब की अनिवार्यता बल देते हुए महिलाओं में हिजाब प्रथा को लागू करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ रहा है।

समाचार चैनल अल जजीरा के अनुसार ईरान की 'नैतिकता पुलिस' लंबे समय तक इस विवाद में खामोश रहने के बाद एक बार फिर वापस अपने पुराने रंग में लौट आयी है और हिजाब नियमों के पालन के लिए गश्त शुरू कर दी है। इस संबंध में ईरानी कानून प्रवर्तन बल के प्रवक्ता सईद मोंटाज़ेरलमहदी ने रविवार को कहा कि 'नैतिकता पुलिस' अब गश्त के लिए पैदल और वाहनों के साथ चल रही है ताकि हिजाब विरोधी लोगों पर नकेल कसी जा सके। उन्होंने इस्लामिक गणराज्य ईरान हिजाब का विरोध कभी स्वीकार नहीं करेगा और इसके पालन के लिए जरूरी सख्ती आपनाई जाएगी।

मोंटेजेरलमहदी के हवाले से ईरान की लोकल मीडिया ने कहा, "फिलहाल नैतिकता पुलिस उन महिलाओं को चेतावनी जारी करेगी, जो बिना हिजाब के सड़कों पर निकलती हैं। पुलिस उन्हें एक बार हिजाब से संबंधित कानून से परिचित कराएगी, जो दुखद तरीके से हिजाब का विरोध करते हुए राज्य के नियम और कानून को तोड़ने पर जोर दे रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि हिजाब नियम पालन कराने के लिए गश्त पर निकलने वाली नैतिकता पुलिस को उम्मीद है कि ईरान की सड़कों पर निकलने वाला हर कोई सरकार से स्वीकृत ड्रेस कोड का पालन करेगा और महिलाएं हिजाब अवश्य पहनेंगी। इस संबंध में ईरानी अधिकारियों को भी महिलाओं और कभी-कभी उनके साथ चलने वाले पुरुषों को सलीके से कपड़े पहनने के विषय में चेतावनी देने का अधिकार दिया गया है।

इन नियमों में महिलाओं को हिजाब पहनने के आदेश से लेकर कुछ ऐसे भी कपड़ों को बदलने की मांग शामिल हो सकती है जो अधिक ढीले-ढाले हों और महिलाओं के लिए अधिक उपयुक्त समझे जाएं। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार नये नियमों का उल्लंघन करने वाली महिलाओं को गिरफ्तार किया जा सकता है और पुलिस द्वारा संचालित 'तथाकथित' सुधार गृह में भेजा जा सकता है।

मालूम हो कि ईरान में हिजाब का विरोध विशेष रूप से उस घटना के बाद तेज हुआ, जब 10 महीने पहले 22 वर्षीय महसा अमिनी की कथित तौर पर हिजाब विरोध के कारण पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। अमिनी की मौत के बाद ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन हुए, जो कई महीनों तक चले। जिसके कारण ईरान की सड़कों से  जिसमें नैतिकता पुलिस पीछे हट गई थी और अपने हिजाब समर्थक मुहिम को खामोश बस्ते में डाल दिया था।

अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार अमिनी की मौत के भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद ईरानी अधिकारियों ने अनिवार्य हिजाब कानूनों को लागू करने के अत्यधिक टकराव वाले तरीकों से अपने हाथ खिंच लिये थे, जो ईरान में साल 1979 में हुई इस्लामी क्रांति के तुरंत बाद लागू किए गए थे। हालाकि, अब फिर से ईरान की सरकार हिजाब समर्थक उसी दृष्टिकोण पर वापसी कर रही है।

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