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न्यूजीलैंड के शॉपिंग मॉल में हुए हमले के पीछे श्रीलंकाई तमिल मुस्लिम का हाथ: पुलिस

By भाषा | Updated: September 4, 2021 20:21 IST

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श्रीलंका की पुलिस ने शनिवार को पूर्वी प्रांत में स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथ का गढ़ माने जाने वाले काथनकुडी शहर के निवासी तमिल मुस्लिम अहमद आदिल मोहम्मद शम्सुद्दीन को उस व्यक्ति के रूप में नामजद किया है, जिसने न्यूजीलैंड के एक शॉपिंग मॉल में चाकू मारकर सात लोगों को घायल कर दिया था। गौरतलब है कि शुक्रवार को वेस्ट ऑकलैंड के लिनमॉल में काउंटडाउन सुपरमार्केट में 32 वर्षीय शम्सुद्दीन ने खरीदारों पर हमला किया था, जिसमें सात लोग घायल हो गए। इनमें से तीन गंभीर रूप से घायल हुए हैं।आईएसआईएस से प्रेरित चरमपंथी न्यूजीलैंड पुलिस की निगरानी में था और हमला शुरू होने के लगभग दो मिनट बाद अधिकारियों ने उसे गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।पुलिस ने कहा कि पूर्वी जिले बट्टिकलोआ के काथनकुडी के निवासी शम्सुद्दीन की पहचान ऑकलैंड में मॉल में हमला करने वाले व्यक्ति के रूप में हुई है। काथनकुडी को स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथ का गढ़ माना जाता है। श्रीलंका में 2019 में ईस्टर संडे के दिन हुए हमलों में 11 भारतीयों सहित 270 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के तार काथनकुडी से जुड़े हुए मिले थे।श्रीलंकाई सरकार ने तब अनुमान लगाया था कि ईस्टर का हमला उससे दो महीने पहले न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में मस्जिद पर किये गए हमले के जवाब में किया गया होगा।शम्सुद्दीन 2011 में छात्र वीजा पर श्रीलंका से न्यूजीलैंड पहुंचा था।न्यूजीलैंड की समाचार वेबसाइट 'स्टफ डॉट को डॉट न्यूजीलैंड' की खबर के अनुसार तमिल मुस्लिम शम्सुद्दीन शरणार्थी का दर्जा मांगने के लिये न्यूजीलैंड आया था। उसने दावा किया था कि उसे और उसके पिता को उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण श्रीलंकाई अधिकारियों की ओर से गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था। उसने दावा किया था कि उन पर हमला किया गया। अपहरण कर प्रताड़ित किया गया। छिपने के लिए मजबूर किया गया था। न्यूजीलैंड में उसके अनुरोध को स्वीकार कर उसे 20 दिसंबर 2013 को शरणार्थी का दर्जा दिया गया था। न्यूजीलैंड पुलिस ने पहली बार मार्च 2016 में उसपर नजर रखनी शुरू की थी जब उसने ग्राफिक युद्ध से संबंधित हिंसा के वीडियो और तस्वीरें साझा करने के अलावा हिंसक उग्रवाद की वकालत करने वाली टिप्पणियां कीं थीं। उसने अन्य हमलों में शामिल आतंकवादियों के समर्थन में टिप्पणी भी पोस्ट की।खबर में कहा गया है कि 2017 में उसने ऑकलैंड में एक व्यक्ति को बताया था कि वह ''आईएसआईएस के लिये लड़ने के वास्ते'' सीरिया जाना चाहता है। इसके बाद उसे ऑकलैंड हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से सिंगापुर का टिकट मिला था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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