भारत के साथ आया श्रीलंका; पीएम ट्रूडो के आरोपों पर श्रीलंकाई मंत्री की कड़ी प्रतिक्रिया, बोले- "आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह है कनाडा..."
By अंजली चौहान | Published: September 26, 2023 09:41 AM2023-09-26T09:41:22+5:302023-09-26T09:56:03+5:30
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा कि वह निज्जर की हत्या के पीछे भारत की भूमिका को जोड़ने वाले ट्रूडो के अपमानजनक और निराधार आरोपों से आश्चर्यचकित नहीं थे।
नई दिल्ली: भारत और कनाडा के रिश्तों में खालिस्तानी आतंकी की मौत के बाद विवाद पैदा हो गया है। इस बीच, पड़ोसी देश श्रीलंका ने भारत का साथ देते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।
श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादियों के लिए ओटावा सुरक्षित स्थान बन गया है और ट्रूड ने बिना कोई ठोस सबूत दिए भारत की भूमिका के बारे में अपमानजनक आरोप लगाए हैं।
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि वह जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत की भूमिका को जोड़ने वाले ट्रूडो के 'अपमानजनक और निराधार' आरोपों से 'आश्चर्यचकित नहीं' थे।
उन्होंने कहा कि कुछ आतंकवादियों को कनाडा में सुरक्षित ठिकाना मिल गया है। कनाडाई प्रधानमंत्री के पास बिना किसी सबूत के कुछ अपमानजनक आरोप लगाने का यही तरीका है। यही बात उन्होंने श्रीलंका के लिए भी की, यह कहना कि श्रीलंका में नरसंहार हुआ था, एक भयानक, सरासर झूठ था। श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कहा, हर कोई जानता है कि हमारे देश में कोई नरसंहार नहीं हुआ था।
उन्होंने यह भी कहा कि श्रीलंका पर ट्रूडो की 'नरसंहार' टिप्पणी ने दोनों देशों के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है और कनाडाई पीएम से एक संप्रभु देश के मामलों में हस्तक्षेप करने से परहेज करने को कहा।
"Terrorists have found safe haven in Canada": Sri Lankan Foreign Minister Ali Sabry
— ANI Digital (@ani_digital) September 26, 2023
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भारत के समर्थन में श्रीलंका: श्रीलंकाई दूत
गौरतलब है कि भारत में निवर्तमान श्रीलंकाई उच्चायुक्त इस मामले में भारत के बचाव में सामने आए और कहा कि कोलंबो कनाडाई पीएम की टिप्पणियों पर नई दिल्ली की दृढ़ और सीधी प्रतिक्रिया का समर्थन करता है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिलिंडा मोरागोडा ने कहा कि मुढे लगता है कि भारत की प्रतिक्रिया दृढ़ और सीधी रही है और मुझे लगता है कि जहां तक हमारा सवाल है तो हम उस पर भारत का समर्थन करते हैं। मैंने अपने जीवनकाल में भी ऐसा कहा है, मैं 60 साल का हूं हमने अपने जीवन के 40 साल श्रीलंका में विभिन्न प्रकार के आतंकवाद का सामना करते हुए बिताए हैं। मैंने आतंकवाद के कारण कई दोस्तों और सहयोगियों को खो दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि श्रीलंका के लोग आतंकवादी गतिविधियों के प्रति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते क्योंकि यहां के लोग बहुत लंबे समय से आतंकवाद से पीड़ित हैं।
भारत-कनाडा विवाद
बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप एस निज्जर की घातक गोलीबारी में भारत की भूमिका का आरोप लगाने के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। भारत में नामित आतंकवादी निजर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
भारत ने गुस्से में कनाडाई पीएम के आरोपों को "बेतुका" और "प्रेरित" कहकर खारिज कर दिया और ओटावा के इसी तरह के कदम के लिए एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया। भारत ने भी "सुरक्षा खतरों" के मद्देनजर कनाडाई नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया और नई दिल्ली में कनाडाई राजनयिकों की संख्या कम करने का आह्वान किया।