श्रीलंका: कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे सहित 16 अन्य के देश छोड़ने पर लगाई रोक, दिए हमले की जांच के आदेश
By मनाली रस्तोगी | Published: May 12, 2022 03:16 PM2022-05-12T15:16:24+5:302022-05-12T15:20:05+5:30
पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, उनके राजनेता बेटे नमल और 15 सहयोगियों के सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के कृत्यों को लेकर श्रीलंका की एक अदालत ने गुरुवार को देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया।
कोलंबो: श्रीलंका की एक अदालत ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, उनके राजनेता बेटे नमल और 15 सहयोगियों के सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के कृत्यों को लेकर देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया। राजधानी कोलंबो में मजिस्ट्रेट ने पुलिस से सोमवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर भीड़ के हमलों की जांच करने को कहा, जिसके कारण जवाबी हिंसा हुई जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई और व्यापक विनाश हुआ।
बता दें कि पिछले हफ्ते कोलंबो में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हुए हमले की चल रही जांच के मद्देनजर अदालत ने यह रोक लगाई है। न्यूज फर्स्ट वेबसाइट के अनुसार, जिन लोगों के देश छोड़ने पर रोक लगाई गई है उनमें सांसद जॉनसन फर्नांडो, पवित्रा वन्नीराचची, संजीवा इदिरिमाने, कंचना जयरत्ने, रोहिता अबेगुनावर्धना, सीबी रत्नायके, संपत अतुकोराला, रेणुका परेरा, सनत निशांत, वरिष्ठ डीआईजी देशबंधु तेन्नेकून शामिल हैं। इससे पहले अटॉर्नी जनरल ने इन 17 लोगों के विदेश जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
उन्होंने अदालत के समक्ष तर्क दिया था कि गोटागोगामा और माइनागोगामा प्रदर्शन स्थल पर हुए हमले की जांच के सिलसिले में इनकी श्रीलंका में उपस्थिति जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि इन लोगों ने हमले का षडयंत्र रचा था। गौरतलब है कि सोमवार को महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा, शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर किए गए हमले के बाद पूरे देश में हिंसा भड़क गई थी। सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी देश में आर्थिक संकट, खाद्यान्न की कमी के मद्देनजर राजपक्षे परिवार के नेतृत्व वाली सरकार के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
(भाषा इनपुट के साथ)