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SCO Summit 2022: भारत SCO समिट 2023 की करेगा मेजबानी, राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और पुतिन ने दी बधाई

By रुस्तम राणा | Updated: September 16, 2022 15:23 IST

चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग ने कहा, "हम अगले साल भारत के प्रेसीडेंसी पद के लिए उसका समर्थन करेंगे।" वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी अध्यक्ष पद ग्रहण करने के लिए भारत को बधाई दी।

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ठळक मुद्देचीनी राष्ट्रपति ने कहा, "हम अगले साल भारत के प्रेसीडेंसी पद के लिए उसका समर्थन करेंगे"रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अध्यक्ष पद ग्रहण करने के लिए भारत को बधाई दी

SCO Summit 2022: भारत साल 2023 में एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) सम्मेलन की मेजबानी करेगा। उज़्बेकिस्तान के समरकंद में हुए एससीओ समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अगले साल शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत को बधाई दी। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति ने कहा, "हम अगले साल भारत के प्रेसीडेंसी पद के लिए उसका समर्थन करेंगे।" वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी अध्यक्ष पद ग्रहण करने के लिए भारत को बधाई दी।

चीन के राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि विश्व नेताओं को "अधिक न्यायपूर्ण और तर्कसंगत दिशाओं में अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए"। उन्होंने शिखर सम्मेलन से यह भी कहा कि सदस्यों को "शून्य-राशि के खेल और ब्लॉक राजनीति को त्यागना चाहिए," साथ ही साथ "संयुक्त राष्ट्र के मूल में अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को बनाए रखना चाहिए।"

यह पहली बार है कि दो विश्व नेता शी जिनपिंग और पीएम मोदी 2020 में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर हुई झड़पों के बाद आमने-सामने आए हैं। हालांकि सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच कई दौर की उच्च स्तरीय चर्चा हुई है और नई दिल्ली और बीजिंग ने कुछ दिन पहले लद्दाख में एक महत्वपूर्ण बिंदु पर से सेना हटाने का काम पूरा किया है। अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि दोनों नेता महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय बैठक करेंगे या नहीं।

बैठक के बारे में पूछे जाने पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, "जब प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय बैठकों का कार्यक्रम सामने आएगा तो हम आपको पूरी तरह से अवगत कराएंगे।" उन्होंने समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि रूसी तेल, कोयला और उर्वरक के भारतीय आयात में तेज वृद्धि हुई है।

शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन चीन, भारत, पाकिस्तान, रूस और पूर्व सोवियत मध्य एशियाई देशों कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान से बना है। इसे साल 2001 में पश्चिमी देशों के संगठनों के प्रतिद्वंद्वी के रूप में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन के रूप में स्थापित किया गया था। 

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