चीन के वुहान लैब में काम कर चुके साइंटिस्ट ने किया चौंकाने वाला खुलासा: मानव निर्मित है कोरोना वायरस
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 5, 2022 04:11 PM2022-12-05T16:11:47+5:302022-12-05T16:12:31+5:30
चीन के वुहाल लैब में काम करने वाले एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि कोरोना वायरस जेनेटिकली इंडीनियर्ड था यानी कि यह एक मानव निर्मित वायरस था।
दिल्ली: चीन के वुहाल लैब में काम करने वाले एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि कोरोना वायरस जेनेटिकली इंडीनियर्ड था यानी कि यह एक मानव निर्मित वायरस था। न्यूयॉर्क पोस्ट ने ब्रिटिश अखबार द सन में अमेरिका के रहने वाले रिसर्चर एंड्रयू हफ के हवाले से बताया कि दो साल पहले वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से कोरोना वायरस लीक हुआ था।
डॉ एंड्रयू हफ ने अपनी किताब 'द ट्रुथ अबाउट वुहान' में दावा किया है कि कोरोना महामारी खतरनाक जेनेटिक इंजीनियरिंग का परिणाम थी। इस लैब को अमेरिकी सरकार से भी बड़ी मात्रा में फंड मिला था। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि ईकोहेल्थ एलायंस और विदेशी प्रयोगशालाओं के पास उचित जैव सुरक्षा, बायो सिक्योरिटी और रिस्क मैनेजमेंट के लिए पर्याप्त नियंत्रण के उपाय नहीं थे।
इसी वजह से वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की लैब से इस खतरनाक वायरस का रिसाव हुआ। हफ ने 2014 से 2016 तक इकोहेल्थ एलायंस में काम किया था। उन्होंने कहा कि गैर-लाभकारी संस्था ने दूसरी प्रजातियों पर हमला करने के लिए इंजीनियर बैट कोरोनविर्यूस के सबसे बेहतर तरीकों को विकसित करने में कई सालों तक वुहान लैब की मदद की।
उन्होंने दावा किया कि चीन पहले दिन से जानता था कि कोरोना वायरस जेनेटिकली इंजीनियर्ड वायरस है। उन्होंने कहा कि चीन को खतरनाक जैव प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए अमेरिकी सरकार भी दोषी है। डॉक्टर हफ ने कहा कि मैंने जो देखा उससे मैं डर गया था। हमने उन्हें जैविक हथियार की तकनीक सौंप दी थी।
बता दें, कोविड वायरस के मानव निर्मित होने व वुहान की लैब से फैलने को लेकर पहले भी दावे किए जा चुके हैं। हालांकि, चीन सरकार लगातार इन दावों का खंडन करती रही है। सरकारी अधिकारियों और लैब कर्मचारियों दोनों ने इस बात से इनकार किया है कि वायरस की शुरुआत इसी लैब में हुई है।