रियाद: स्वीडन में कुरान को जलाने को लेकर सऊदी अरब ने तीखी नाराजगी जताई है। इससे पहले ईरान ने भी इस पर कड़ी प्रतक्रिया दी थी। आज इस मामले में सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि यह जानबूझकर बेअदबी की गई है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “विदेश मंत्रालय पवित्र कुरान और मुसलमानों के साथ जानबूझकर की गई बेअदबी और इसके उकसावे के लिए सऊदी अरब की निन्दा को दर्ज करा रहा है।” मंत्रालय ने आगे कहा, “सऊदी अरब संवाद, सहिष्णुता, सह-अस्तित्व फैलाने के पुख्ता प्रयासों के महत्व पर जोर देता है। साथ ही नफरत, चरमपंथ और सभी धर्मों और पवित्र स्थलों के दुर्व्यवहार को त्यागने का समर्थन करता है।”
वहीं ईरान के विदेश मंत्रालय ने भी इसकी आलोचना की है और कहा है कि रमजान के महीने में कुरान के साथ बेअदबी ईशनिंदा है। मंत्रालय ने इस घटना को नफरत फैलाने और आजादी के उल्लंघन का उदाहरण बताया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, स्वीडन में धुर-दक्षिणपंथी और एंटी इमिग्रेशन विरोध ग्रुप्स मुस्लिमों को लगातार निशाना बना रहे हैं। ऐसे में इन ग्रुप्स द्वारा कुरान को जलाया गया है जिसके बाद स्वीडन में हिंसा भड़क गई है। हिंसा इतनी भड़की है कि लगातार चौथे दिन रविवार को भी हिंसक झड़प देखने को मिली है। पुलिस द्वारा चेतावनी देने के बाद हिंसा जारी रहा जिसमें जवाबी कार्रवाई के दौरान तीन लोगों के घायल होने की खबर सामने आ रही है। वहीं इस हिंसा में कई गाड़ियो को भी जला दिया गया है। पुलिस ने मामले में अब तक 17 लोगों को पकड़ा है। शनिवार को भी मामला शहर में एक रैली के दौरान हिंसा हुई थी जिसमें एक बस को जला देने का मामला सामने आया था। इन सब घटनाओं को देखते हुए सऊदी अरब और ईरान अपनी नाराजगी जाहिर की है।
कौन है यें स्वीडन के धुर-दक्षिणपंथी और एंटी इमिग्रेशन विरोध ग्रुप्स
स्वीडन में धुर-दक्षिणपंथी और एंटी इमिग्रेशन विरोध ग्रुप्स को रसमुस पालूदान चलाते हैं। ये हार्ड लाइन आंदोलन के प्रमुख है। रसमुस पालूदान ने कुरान को जलाया है और वे इसे दोबारा दोहराने की भी बात कही है। इस घटना के गुरूवार से हिंसा हो रही है जिसमें 16 पुलिसवाले जख्मी हुए है। यही नहीं कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। आपको बता दें कि जहां-जहां रसमुस पालूदान की रैली हुई है वहां-वहां हिंसक झड़प हुई है। ये घटनाएं स्टॉकहोम के उपनगरों, लिनशेपिंग और नोरेशेपिंग जैसे शहरों में हुई है। रसमुस पालूदान अपने इस्लाम विरोधी बयानों के लिए जाने जाते हैं।