सऊदी अरब ने अपने पासपोर्ट नियमों को बदलाव किया, जिसके बाद उसने मुस्लिम इजरायल निवासियों को मक्का की तीर्थयात्रा करने पर रोक लगा दी। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रियाद अब अस्थायी जॉर्डन पासपोर्ट को मान्यता नहीं दे रहा है।
बता दें, इजरायली मुस्लिम पासपोर्ट धारक सऊदी में प्रवेश करने के लिए जॉर्डन दस्तावेजों का उपयोग करते थे, जहां इस्लाम के दो सबसे पवित्र शहर मक्का और मदीना हैं। रियाद और तेल अवीव के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं। इस वजह से इजरायली नागरिकता के साथ फिलिस्तीनी मुस्लिम अरब तीर्थयात्रा कर सकते हैं। अस्थायी पासपोर्ट प्राप्त करने और फिर सऊदी अरब में प्रवेश करने के लिए जॉर्डन जाना पड़ता है।
सऊदी अरब के नए नियम न केवल इज़राइल के दस लाख से अधिक मुस्लिम फिलिस्तीनी नागरिकों को प्रभावित करेंगे, बल्कि पूर्वी जेरूसलम, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी के लोगों को भी प्रभावित करेंगे, जोकि अस्थायी जॉर्डन पासपोर्ट का उपयोग करते हुए यात्रा करते हैं।
रिपोर्ट में इज़राइल की हज और उमरा समिति का हवाला देते हुए कहा गया है कि इसके नेता दिसंबर में मक्का यात्रा करने में सक्षम नहीं होंगे। समिति ने जॉर्डन के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने और रियाद पर दबाव डालने की कोशिश करने के लिए इज़राइल में उच्च अरब निगरानी समिति के प्रमुख मोहम्मद बराकहे के मुखिया से मुलाकात की है।
हालांकि यहूदी राज्य और खाड़ी साम्राज्य के पास कोई राजनयिक संबंध नहीं है, फिर भी इजरायल की नागरिकता के साथ फिलिस्तीनी अस्थायी जॉर्डन पासपोर्ट का उपयोग को इस्लाम में अनिवार्य माना जाता है।