न्यूयॉर्कः अंग्रेजी भाषा के प्रख्यात लेखक सलमान रश्दी पर हुए हमले के बाद उनका इलाज करने वाले चिकित्सक ने कहा कि उनके शरीर पर चाकू के हमले के कई निशान थे जिनमें से एक उनकी गर्दन के दाहिनी ओर था और वह खून से लथपथ पड़े हुए थे। लेखक के बुक एजेंट के अनुसार सलमानरश्दी घंटों की सर्जरी के बाद वेंटिलेटर पर हैं और उनकी एक आंख खराब होने की संभावना है। अमेरिका के प्रतिष्ठित समाचारपत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया है कि रश्दी जिस कार्यक्रम में संबोधित करने वाले थे वहां मौजूद एंडोक्रिनोलॉजिस्ट रीटा लैंडमैन ने मंच पर जाकररश्दी का प्राथमिक उपचार किया था।
उधर, न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस ने हमलावर की पहचान कर ली है। पुलिस ने हमले को लेकर जारी बयान में कहा है कि सलमान रश्दी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। संदिग्ध की पहचान 24 वर्षीय हादी मतार के रूप में हुई है जो कि न्यूजर्सी का रहने वाला है। हम सर्च वारंट प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। FBI के सदस्य जांच में हमारी मदद कर रहे हैं। न्यूयॉर्क राज्य पुलिस ने कहा कि चौटाउक्वा में आज हमने जो अनुभव किया वह हमारे लगभग 150 वर्षों के इतिहास में किसी भी चीज के विपरीत एक घटना है। हमारा काम अभी सलमान रश्दी के परिवार के लिए एक संसाधन बने रहना है। हम इस हमले का उद्देश्य समझने के लिए एफबीआई के साथ काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम में मौजूद एंडोक्रिनोलॉजिस्ट रीटा लैंडमैन के मुताबिक, रश्दी के शरीर पर चाकू के हमले के कई निशान थे जिनमें से एक उनकी गर्दन के दाहिनी ओर था और वह खून से लथपथ पड़े हुए थे। लेकिन वह जीवित प्रतीत हो रहे थे और सीपीआर नहीं ले रहे थे। रीटा ने कहा, ‘‘ वहां मौजूद लोग कह रहे थे कि उनकी धड़कन चल रही है।’’ मुंबई में पैदा हुए और बुकर पुरस्कार से सम्मानितरश्दी (75) पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान अपना व्याख्यान शुरू करने वाले ही थे कि तभी एक व्यक्ति मंच पर चढ़ा और रश्दी को घूंसे मारे और चाकू से उन पर हमला कर दिया।
रश्दी की गर्दन पर चोट आई है। उस समय कार्यक्रम में उनका परिचय दिया जा रहा था। हमले के बाद रश्दी मंच पर गिर गए और उनके हाथों में खून लगा हुआ देखा गया। वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया और बाद में उसे हिरासत में ले लिया गया।रश्दी को मंच पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया।रश्दी पर हुए हमले के बाद अमेरिका के न्यूयॉर्क प्रांत की गवर्नर कैथी होचुल ने कहा है किरश्दी जीवित हैं और उन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है तथा अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
रश्दी को उनकी पुस्तक 'द सैटेनिक वर्सेज' के कारण ईरान से मौत की धमकी मिली थी।रश्दी के एजेंट, एंड्रयू वायली ने उनकी स्थिति पर अपडेट दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार शाम 7 बजे से कुछ समय पहले, लेखक वेंटिलेटर पर थे और बोल नहीं सकते थे। चाकू का वार उनके लिवर में हुआ है जो क्षतिग्रस्त हो गया है।" भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक रश्दी को उनकी 1988 में प्रकाशित पुस्तक 'द सैटेनिक वर्सेज' के कारण जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। 30 साल के फतवे के बाद, रश्दी पर यह हमला किया गया है।
भाषा इनपुट के साथ