रूस का लूना-25 चांद की सतह से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, असफल हुआ अभियान, रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने दी जानकारी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 20, 2023 15:05 IST2023-08-20T15:04:23+5:302023-08-20T15:05:21+5:30

रोस्कोस्मोस ने एक बयान में कहा, "उपकरण एक अप्रत्याशित कक्षा में चला गया और चंद्रमा की सतह से टकराव के परिणामस्वरूप अस्तित्व में नहीं रहा।" लूना-25, 47 वर्षों में रूस का पहला चंद्रमा मिशन था।

Russia's Luna-25 crashed after colliding with the lunar surface, failed mission | रूस का लूना-25 चांद की सतह से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, असफल हुआ अभियान, रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने दी जानकारी

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsरूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया हैरूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने बताया लूना-25, 47 वर्षों में रूस का पहला चंद्रमा मिशन था

नई दिल्ली: रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने बताया है कि लूना-25 अंतरिक्ष यान अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।  रूस का  लूना-25, 47 वर्षों में रूस का पहला चंद्रमा मिशन था। 

यह घटनाक्रम रोस्कोस्मोस द्वारा लूना-25 को लैंडिंग से पहले की कक्षा में शिफ्ट करने में समस्या की सूचना देने के एक दिन बाद आया है। रोस्कोस्मोस ने एक बयान में कहा, "उपकरण एक अप्रत्याशित कक्षा में चला गया और चंद्रमा की सतह से टकराव के परिणामस्वरूप अस्तित्व में नहीं रहा।" एजेंसी ने कहा था कि एक "असामान्य स्थिति" उत्पन्न हुई जब मिशन नियंत्रण ने 21 अगस्त के लिए नियोजित टचडाउन से पहले शनिवार को 11:10 GMT पर विमान को प्री-लैंडिंग कक्षा में ले जाने की कोशिश की।

रूसी अंतरिक्ष यान सोमवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला था।  लूना-25 ने बुधवार को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया। यह 1976 के बाद ऐसा करने वाला यह पहला रूसी अंतरिक्ष यान है। रूस ने आज से 47 साल पहले चंद्रमा पर कोई अंतरिक्ष यान भेजा था। 1976 में लूना-24 के बाद से रूस ने चंद्रमा मिशन का प्रयास नहीं किया।  लूना-25 को 21 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी।

रूस के अंतरिक्ष यान के बारे में आई बुरी खबर के बीच भारतीय चंद्र मिशन चंद्रयान 3 से एक अच्छी खबर है। चंद्रयान 3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर चांद के चक्कर लगा रहा है। इसरो ने ट्वीट कर बताया है कि चंद्रयान-3 का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग मनूवर सफलतापूर्वक हो चुका है और अब 23 अगस्त का इंतजार है, जब चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया जाएगा।

14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 लगातार अपने उद्देश्य की ओर आगे बढ़ रहा है। 5 अगस्त को चंद्र कक्षा में प्रवेश करने के बाद, अंतरिक्ष यान कक्षा की गतिविधियों की एक श्रृंखला में लगा हुआ है, जिससे धीरे-धीरे चंद्रमा से इसकी दूरी कम हो रही है।

चंद्रयान-3 की सबसे बड़ी चुनौती सॉफ्ट लैंडिंग ही है क्योंकि जब पिछली बार चंद्रयान-2 के लैंडर ने चंद्रमा पर उतरने की कोशिश की थी तब यह क्रैश हो गया था और मिशन में इसरो को कामयाबी नहीं मिली थी। इस बार इसरो ने सारी अनुमानित समस्याओं का पहले से ही अंदाजा लगा कर काफी तैयारी की है। 

Web Title: Russia's Luna-25 crashed after colliding with the lunar surface, failed mission

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