पुतिन ने भारत को कहा शुक्रिया, बोले- भारतीय मित्रों का धन्यवाद, UNSC के कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करना जारी रखें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 10, 2021 08:13 IST2021-08-10T08:10:26+5:302021-08-10T08:13:15+5:30
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि, मैं इस बैठक को आयोजित करने में इस तरह की उपयोगी पहल के लिए अपने भारतीय मित्रों को धन्यवाद देता हूँ, और मैं चाहता हूं कि भारत इस महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करना जारी रखें.

पुतिन ने भारत को कहा शुक्रिया, बोले- भारतीय मित्रों का धन्यवाद, UNSC के कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करना जारी रखें
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूएनएससी यानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि, समुद्री सुरक्षा में अंतरराष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए रूस बहुत कुछ कर रहा है. चाहे आतंकवादी विरोधी अभियानों की बात हो या अपराध की रोकथाम या फिर समुद्री क्षेत्रों सहित दस्यु संरचनाओं का पता लगाने और बेअसर करने में अपने अनुभव को साझा करने के लिए रूस तैयार है.
रशियन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि, मैं इस बैठक को आयोजित करने में इस तरह की उपयोगी पहल के लिए अपने भारतीय मित्रों को धन्यवाद देता हूँ, और मैं चाहता हूं कि भारत इस महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करना जारी रखें.
To achieve real success in this area (maritime security), it's necessary to unite efforts of all interested states, as well as int'l orgs, regional structures - with central coordinating role of UN & Security Council: Russian President Vladimir Putin at a UNSC meet on Monday pic.twitter.com/6Ni5OQqhG2
— ANI (@ANI) August 10, 2021
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि, इस समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में वास्तविक सफलता प्राप्त करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद की केंद्रीय समन्वय भूमिका के साथ सभी इच्छुक राज्यों, साथ ही अंतरराष्ट्रीय संगठनों, क्षेत्रीय संरचनाओं के प्रयासों को एकजुट करना आवश्यक है.
पुतिन ने कहा कि रूस संयुक्त राष्ट्र के नियमों में निहित प्रमुख मानदंडों और सिद्धांतों के सख्त पालन के लिए तैयार है, जैसे संप्रभुता के लिए सम्मान, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना, बातचीत के माध्यम से विवादों का समाधान आदि.