रूस-यूक्रेन युद्ध: विश्व बैंक की दुनिया को भयंकर मंदी की चेतावनी, कहा- "युद्ध नहीं रूका तो कई देशों की अर्थव्यवस्था ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर सकती है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 8, 2022 22:37 IST2022-06-08T22:29:50+5:302022-06-08T22:37:25+5:30

विश्व बैंक ने आशंका जताई है कि अगर रूस-यूक्रेन युद्ध इसी तरह से चलता रहा तो केवल यूरोप ही नहीं बल्कि कई देशों में भयानक आर्थिक मंदी आ सकती है।

Russia-Ukraine war: World Bank warns of severe recession to the world, said- "If the war is not stopped, the economy of many countries can collapse like a pack of cards" | रूस-यूक्रेन युद्ध: विश्व बैंक की दुनिया को भयंकर मंदी की चेतावनी, कहा- "युद्ध नहीं रूका तो कई देशों की अर्थव्यवस्था ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर सकती है"

रूस-यूक्रेन युद्ध: विश्व बैंक की दुनिया को भयंकर मंदी की चेतावनी, कहा- "युद्ध नहीं रूका तो कई देशों की अर्थव्यवस्था ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर सकती है"

Highlightsविश्व बैंक ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई हैरूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभावों से केवल यूरोप ही नहीं बल्कि पूर्वी एशिया में अच्छा-खासा प्रभाव पड़ेगाअगर युद्ध न रूका तो कई देशों की अर्थव्यवस्था ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर सकती है

लंदन: यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण दुनिया में बढ़ रही महंगाई को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए विश्व बैंक ने कहा है कि कोरोना महामारी की मार झेल रही दुनिया की अर्थव्यवस्था रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बेहद बुरी तरह से चरमरा गई है।

विश्व बैंक ने आशंका जताई है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध इसी तरह से चलता रहा तो इसके कारण कई देशों में भयानक आर्थिक मंदी आ सकती है। इस मामले में समाचार वेबपोर्टल बीबीसी ने रिपोर्ट किया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभावों से केवल यूरोप ही नहीं बल्कि पूर्वी एशिया में अच्छा-खासा प्रभाव पड़ेगा।

इस रिपोर्ट के आधार पर विश्व बैंक ने दुनिया को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि युद्ध की भयंकर विभिषिका के केवल यूरोप ही नहीं बल्कि पूर्वी एशिया के भी कई देशों में भारी आर्थिक मंदी छा सकती है और अगर युद्ध जल्द न रूका तो कई देशों की अर्थव्यवस्था ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर सकती है।

इस संबंध में बात करते हुए विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविस मैल्पस ने अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हालात इतने खराब है कि पूरी दुनिया में इसका बहुत व्यापक असर पड़ रहा है और पेट्रोल-डीजल समेत जरूरी खाद्य पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है।

इसके साथ ही डेविस मैल्पस ने कहा कि बढ़ती वैश्विक मुद्रास्फीति युद्ध के कारण तेजी से पैर फैला करही है और इसको तभी काबू में किया जा सकता है, जब रूस और यूक्रेन हथियार को रखकर वार्ता की टेबल पर एक साथ बैठें और विचार करें।

इसके साथ उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीतिजनित मंदी के उस कगार पर पहुंच गई है, जिससे उबरने में दुनिया को सालों नहीं बल्कि दशकों का सामना करना पड़ेगा।

मुद्रास्फीतिजनित मंदी यानी स्टैगफ्लेशन उस आर्थिक हालात को कहते हैं, जब आर्थिक विकास दर स्थिर रहती है लेकिन महंगाई और बेरोजगारी दर में तेजी बढ़ोतरी होती है और इस चुनौती का सामना कर पाना किसी भी मुल्क के लिए बेहद कष्टकारी होता है।

डेविड मैल्पस ने कहा कि वैश्विक मंदी के इस समय जो प्रमुख कारण है, उसमें यूक्रेन-रूस युद्ध, चीन में कोरोना के कारण लगे सख्त लाकडाउन और फूड सप्लाई चेन के बाधित होना प्रमुख है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में फूड सप्लाई चेन में आ रही बाधा के कारण मुद्रास्फीतिजनित मंदी का जोखिम बढ़ा है। अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो कई देशों के लिए आर्थिक मंदी से बचना मुश्किल हो जाएगा।

विश्व बैंक के प्रमुख का कहना है कि युद्ध के कारण दुनिया के कई देशों में निवेश के प्रति भारी उदासीनता देखी जा रही है, जिसके कारण विकास दर प्रभावित हो रही है। मौजूदा वक्‍त में भारत समेत कई देशों में महंगाई दर दशकों के उच्चतम स्तर पर है।

गौरतलब है कि विश्‍व बैंक ने 2021 से 2024 के बीच वैश्विक आर्थिक विकास की दर का आकलन 2.7 फीसद रहने का अनुमान जताया है और यह आंकड़ा साल 1976 से 1979 के बीच आई मंदी से भी खराब अनुमान है। 

Web Title: Russia-Ukraine war: World Bank warns of severe recession to the world, said- "If the war is not stopped, the economy of many countries can collapse like a pack of cards"

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