Russia Ukraine War: पिछले 2 साल से भी ज्यादा समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के रुकने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस जंग में यूक्रेन को नाटो देशों का समर्थन प्राप्त है। नाटो देश यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक मदद मुहैया करा रहे हैं। वहीं यूक्रेन का कहना है की चीन बड़े पैमाने पर रूस को सैन्य सामग्री दे रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार व्लादिस्लाव व्लासियुक ने कहा है कि यूक्रेन के युद्धक्षेत्र में रूसी हथियारों में पाए जाने वाले लगभग 60% हिस्से चीन के हैं।
व्लासियुक ने कहा है कि यदि आप सभी सामान्य प्रकार के हथियारों को लें और विदेशी निर्मित उपकरणों को गिनें तो लगभग 60% चीन से आ रहे होंगे। हमने इस बारे में कुछ निर्माताओं के साथ लंबी चर्चा की है। यूक्रेन ने चीन को एक बड़ी समस्या बताया है।
उन्होंने कहा कि निगरानी, ड्रोन और मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाले महत्वपूर्ण हिस्से संयुक्त राज्य अमेरिका, नीदरलैंड, जापान और स्विट्जरलैंड सहित अन्य पश्चिमी देशों से भी आए हैं। हालांकि रूस को सैन्य मदद देने के आरोपों का चीन ने बार-बार खंडन किया है। रूस और चीन के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों के बावजूद, बीजिंग ने बार-बार किसी भी पक्ष को हथियार आपूर्ति करने से इनकार किया है और कहा है कि वह यूक्रेन संकट में शामिल नहीं है।
रूस ने 2022 में यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू किया और व्यापक पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद, मास्को पश्चिमी माइक्रोचिप्स और सेमीकंडक्टर के साथ अपनी सैन्य मशीनों को काम करने लायक स्थिति में रखे हुए है।
ब्लूमबर्ग न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार रूस 2025 में रक्षा खर्च में ऐतिहासिक बढ़ोतरी कर सकता है। इसका मतलब है कि रूस निकट भविष्य में यूक्रेन पर अपना आक्रमण जारी रखेगा। पूर्वी यूक्रेन में अपनी सेना के धीरे-धीरे आगे बढ़ने के साथ ही रूस रक्षा पर खर्च बढ़ा रहा है। रूसी सरकार सरकार 2025 में रक्षा खर्च को इस वर्ष के लिए अनुमानित 10.4 ट्रिलियन रूबल से बढ़ाकर 13.2 ट्रिलियन रूबल ($142 बिलियन) कर सकती है। यह रूस के जीडीपी का 6.2% है। अनुमान है कि 2025 में रूस के कुल बजट व्यय का लगभग 40% हिस्सा राष्ट्रीय रक्षा और घरेलू सुरक्षा पर खर्च किया जाएगा।