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रमजान में अल अक्सा मस्जिद में क्यों मचा बवाल? इजराइल की पुलिस की कार्रवाई के बाद बढ़ा तनाव, जानें पूरा मामला

By भाषा | Updated: April 5, 2023 17:23 IST

यरुशलम शहर में स्थित प्रसिद्ध अल-अक्सा मस्जिद से मुस्लिम श्रद्धालुओं को रात में निकालने की इजराइल पुलिस की कार्रवाई के बाद यहां तनाव बढ़ गया है।

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ठळक मुद्देयरुशलम शहर में स्थित अल-अक्सा मस्जिद में घुसी इजराइली पुलिस, रात में मुस्लिम श्रद्धालुओं को निकालने की कार्रवाई।रमजान के 22 मार्च से शुरू होने के बाद से ही कई मुस्लिम श्रद्धालु रात भर मस्जिद में रहने की कोशिश में हैं।इजरायली पुलिस का कहना है कि कई युवा और नकाबपोश पटाखों, डंडों और पत्थरों से अंदर लैस थे।

यरुशलम: इजराइली पुलिस ने बुधवार सुबह पुराने यरुशलम शहर में स्थित अल-अक्सा मस्जिद पर धावा बोल दिया जिसके बाद फलस्तीनी युवकों ने ग्रेनेड दागे। उधर, गाजा के उग्रवादियों ने दक्षिणी इजराइल पर रॉकेट दागे, जिसके बाद इजराइल ने हवाई हमले किए। हिंसा की ये घटनाएं ऐसे समय में हुई हैं जब मुसलमान पवित्र महीना रमजान मना रहे हैं। वहीं यहूदी सप्ताह भर चलने वाले पासोवर त्योहार की तैयारियों में लगे हैं।

इन घटनाओं से दोनों पक्षों के बीच टकराव के और तेज होने की आशंका पैदा हो गई है। दो साल पहले भी इजराइल और हमास के बीच इसी तरह की झड़पें हुई थीं और उसके बाद 11 दिनों तक संघर्ष चला था। इजरायली सेना ने कहा कि कब्जे वाले पश्चिमी तट में एक अलग घटना में एक सैनिक को गोली मार दी गई।

अल-अक्सा: यहूदियों और मुसलमानों, दोनों के लिए पवित्र जगह

अल-अक्सा मस्जिद एक संवेदनशील पहाड़ी पर स्थित है जो यहूदियों और मुसलमानों दोनों के लिए पवित्र स्थान है। अल-अक्सा इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है और रमजान के दौरान श्रद्धालुओं की यहां काफी भीड़ रहती है। आधिकारिक फलस्तीनी समाचार एजेंसी वफा ने कहा कि रात में दर्जनों श्रद्धालु मस्जिद के अंदर थे और पुलिस की कार्रवाई में वे घायल हो गए।

रमजान के 22 मार्च से शुरू होने के बाद, मुस्लिम श्रद्धालु रात भर मस्जिद में रहने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले रिवाजों के अनुसार रमजान महीने के अंतिम 10 दिन ही श्रद्धालुओं को रात में मस्जिद में रहने की अनुमति दी जाती है। इजरायली पुलिस ने श्रद्धालुओं को बाहर निकालने के लिए रात में कार्रवाई शुरु की। प्राचीन अनुष्ठान का पालन करते हुए परिसर में एक बकरे की बलि देने के यहूदी उग्र-राष्ट्रवादियों के आह्वान से पवित्र स्थल पर नियंत्रण को लेकर तनाव बढ़ गया है।

इजराइल ने अनुष्ठान पर लगाया है प्रतिबंध

इजराइल ने वहां अनुष्ठान पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन यहूदी चरमपंथियों ने उस रस्म को फिर से शुरू करने का आह्वान किया है। उन लोगों ने उस व्यक्ति को पुरस्कृत करने की भी पेशकश की है, जो किसी पशु को परिसर में लाने का प्रयास करता है। इससे मुसलमानों के बीच आशंका बढ़ गई है कि इजराइल वहां कब्जा करने की साजिश रच रहा है।

हालांकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वह परिसर में यथास्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मस्जिद में मंगलवार की शाम करीब 80,000 लोगों ने नमाज में भाग लिया। श्रद्धालुओं ने कहा कि इजरायली पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया, लेकिन इनकार कर दिए जाने के बाद पुलिस मस्जिद में अंदर घुस गई और डंडे बरसाए।

इजराइल की पुलिस ने कहा- पटाखों, डंडों और पत्थरों से लैस थे कई लोग

इजरायली पुलिस ने कहा कि कई युवा और नकाबपोश प्रदर्शनकरी पटाखों, डंडों और पत्थरों से लैस थे तथा वे कानून का उल्लंघन कर रहे थे। पुलिस के अनुसार इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने कार्रवाई की। पुलिस ने कहा कि युवकों ने भड़काऊ नारे लगाए और मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया।

उसने कहा कि बार-बार बातचीत किए जाने और उन्हें बाहर निकालने के प्रयासों के सफल नहीं होने के बाद पुलिस बल को परिसर में प्रवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पुलिस द्वारा जारी वीडियो में मस्जिद के अंदर आतिशबाजी के कारण विस्फोट होते दिख रहे हैं। फलस्तीनी उग्रवादियों ने गाजा से दक्षिणी इज़राइल में कई रॉकेट दागे जिसके बाद क्षेत्र में हवाई हमले के सायरन बजाए गए।

इजरायली सेना ने कहा कि कुल पांच रॉकेट दागे गए और सभी को बीच में ही नष्ट कर दिया गया। इसके कुछ घंटे बाद, इजराइल ने गाजा में जवाबी हवाई हमला किया। इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की नयी धुर-दक्षिणपंथी सरकार के पिछले साल सत्ता संभालने के बाद से क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ रहा है।

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