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नया स्वरूप ओमीक्रोन प्रसार की अवस्था में, दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों से कर रहे बात: डॉ फाउची

By भाषा | Updated: November 27, 2021 20:14 IST

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वाशिंगटन, 27 नवंबर अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने कहा है कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप ओमीक्रोन दक्षिण अफ्रीका में तेजी से फैल रहा है और अमेरिकी वैज्ञानिक उस देश में अपने सहयोगियों के साथ नए स्वरूप की जांच तथा यह पता लगाने के लिए ‘‘बहुत सक्रियता’’ से संवाद कर रहे हैं कि यह एंटीबॉडी को भेदता है या नहीं।

संभावित रूप से अधिक संक्रामक बी.1.1.529 स्वरूप के बारे में पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सूचित किया गया था और इसके बाद बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग और इजराइल में भी इसकी पहचान की गई है। डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को इसे ‘‘चिंताजनक’’ स्वरूप बताते हुए ओमीक्रोन नाम दिया। ‘‘चिंताजनक स्वरूप’’ डब्ल्यूएचओ की कोरोना वायरस के ज्यादा खतरनाक स्वरूपों की शीर्ष श्रेणी है।

‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज’ के निदेशक फाउची ने ‘सीएनन’ से कहा कि निश्चित रूप से दक्षिण अफ्रीका में मिले नए स्वरूप में हुए कुछ बदलावों के कारण संक्रमण तेजी से फैलने, प्रतिरक्षा क्षमता को भेदने को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार फाउची ने कहा कि प्रतीत होता है कि नया स्वरूप दक्षिण अफ्रीका में काफी तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अभी प्रसार की अवस्था में है। हम इसके बारे में और जानकारी जुटा रहे हैं। हम इसके बारे में अधिक से अधिक जानने का प्रयास कर रहे हैं।’’

फाउची ने कहा कि फिलहाल इस बात का कोई संकेत नहीं है कि नया स्वरूप अमेरिका में मौजूद है, लेकिन कुछ भी संभव है क्योंकि कई लोगों ने यात्राएं की होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसकी आणविक संरचना खोजने के लिए काम कर रहे हैं। उपयुक्त सामग्री को जुटाने में समय लगेगा लेकिन हम अपने दक्षिण अफ्रीकी सहयोगियों और वैज्ञानिकों के साथ बहुत सक्रियता के साथ संवाद कर रहे हैं।’’

क्या नया स्वरूप एंटीबॉडी को भेद देगा, यह पूछे जाने पर फाउची ने कहा, ‘‘जब आप एक उत्परिवर्तन को देखते हैं तो यह आपको एक संकेत देता है कि यह प्रतिरक्षा तंत्र से बच सकता है। आपको वायरस के उस विशेष अनुक्रम को प्राप्त करने की आवश्यकता है। प्रयोगशाला में मूल स्वरूप पर परीक्षण करना होगा ताकि बताया जा सके कि यह स्वरूप एंटीबॉडी को भेद सकता है।’’

ब्राउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन डॉ आशीष झा ने ‘सीएनएन’ को बताया कि यह स्वरूप ‘‘अलग तरह से काम कर रहा है’’ और ‘‘ऐसा लगता है कि यह डेल्टा स्वरूप की तुलना में बहुत अधिक संक्रामक है।’’

ब्रिटेन में वारविक मेडिकल स्कूल में विषाणु विज्ञानी और मॉलिकुलर ऑन्कोलॉजी के प्रोफेसर लॉरेंस यंग ने कहा कि ओमीक्रोन स्वरूप ‘‘बहुत चिंताजनक’’ है। इंपीरियल कॉलेज लंदन में एमआरसी सेंटर फॉर ग्लोबल इंफेक्शियस डिजीज एनालिसिस के निदेशक नील फर्ग्यूसन ने एक बयान में कहा कि स्पाइक प्रोटीन पर उत्परिवर्तन की संख्या ‘‘अभूतपूर्व’’ थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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