ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन का समर्थन करने वाले रैपर तुमाज सालेही मौत की सजा से बचे, छह साल और तीन महीने की जेल हुई

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 10, 2023 20:18 IST2023-07-10T20:16:34+5:302023-07-10T20:18:42+5:30

पिछले साल ईरान में उभरे विरोध आंदोलन का समर्थन करने के लिए तुमाज सालेही गिरफ्तार किया गया था और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। सालेही को इस्लामी नैतिकता से संबंधित अपराधों का दोषी पाया गया था।

Rapper Tumaj Salehi escapes death penalty for supporting anti-hijab movement in Iran | ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन का समर्थन करने वाले रैपर तुमाज सालेही मौत की सजा से बचे, छह साल और तीन महीने की जेल हुई

तुमाज सालेही गिरफ्तार किया गया था और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी

Highlightsईरानी रैपर तुमाज सालेही मौत की सजा से बच गए हैंउन्हें छह साल और तीन महीने की जेल हुई हैमहसा अमीनी की मौत के बाद भड़के आंदोलन का समर्थन किया था

नई दिल्ली: ईरान में "अनुचित पोशाक" पहनने के आरोप में गिरफ्तार की गई 22 वर्षीय कुर्द ईरानी महिला महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद पूरे देश में हिजाब विरोधी प्रदर्शन बड़े पैमाने पर हुए थे। देशव्यापी विरोध की लहर के लिए ऑनलाइन और अपने गीतों से समर्थन जाहिर करने वाले जाने-माने ईरानी रैपर तुमाज सालेही मौत की सजा से बच गए हैं। उन्हें छह साल और तीन महीने की जेल हुई है।

पिछले साल ईरान में उभरे विरोध आंदोलन का समर्थन करने के लिए तुमाज सालेही गिरफ्तार किया गया था और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। सालेही को  इस्लामी नैतिकता से संबंधित अपराधों का दोषी पाया गया था। 

उनके वकील रोजा एतेमाद अंसारी के हवाले से कहा गया कि सालेही को सर्वोच्च नेता का अपमान करने और शत्रु सरकारों के साथ सहयोग करने के आरोप से बरी कर दिया गया है और उन्हें एकांत कारावास से निकालकर जेल के सामान्य हिस्से में भेज दिया गया है।

नवंबर 2022 में ईरानी मीडिया ने हिरासत में सालेही का एक वीडियो प्रकाशित किया था, जिसमें उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर सालेही के समर्थन में बड़े पैमाने पर मुहिम शुरु की गई थी।

बता दें कि कुर्द जाति की युवती महसा अमीनी को इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया था कि उसने हिजाब नहीं पहन रखा था। पिटाई के कारण हिरासत में उसकी मौत हो गई।  इसके बाद सारे ईरान में इतना आंदोलन भड़क गया। ये आंदोलन इतना बढ़ा कि सरकार को घुटने टेकने पड़ गए और  घोषणा करनी पड़ी कि वह ‘गश्त-ए-इरशाद’ नामक अपनी मजहबी पुलिस को भंग कर रही है। इस पुलिस की स्थापना 2006 में राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने इसलिए की थी कि ईरानी लोगों से वह धार्मिक कानूनों और परंपराओं का पालन करवाए। 

एक अनुमान के अनुसार ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलनों में लगभग 500 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग गिरफ्तार किए गए थे।

Web Title: Rapper Tumaj Salehi escapes death penalty for supporting anti-hijab movement in Iran

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