Ramadan 2024: इस देश में रोजा न रखने वालों को गिरफ्तार कर रही है पुलिस, रमजान के दौरान खाने के लिए 11 को हिरासत में लिया, जानें पूरा मामला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: March 13, 2024 18:53 IST2024-03-13T18:51:44+5:302024-03-13T18:53:57+5:30
Ramadan 2024: नाइजीरिया के उत्तरी राज्य कानो में इस्लामिक पुलिस ने मंगलवार, 12 मार्च को 11 ऐसे मुसलमानों को गिरफ्तार किया जिन्हें रमज़ान के रोज़े के दौरान खाना खाते देखा गया था। रोजा न रखने के कारण गिरफ्तार करने का ये अनोखा मामला है।

(फाइल फोटो)
Ramadan 2024: नाइजीरिया के उत्तरी राज्य कानो में इस्लामिक पुलिस ने मंगलवार, 12 मार्च को 11 ऐसे मुसलमानों को गिरफ्तार किया जिन्हें रमज़ान के रोज़े के दौरान खाना खाते देखा गया था। रोजा न रखने के कारण गिरफ्तार करने का ये अनोखा मामला है। कानो में बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी है जहां इस्लामी कानूनी प्रणाली शरिया संचालित होती है।
बीबीसी के अनुसार इस्लामिक पुलिस जिसे व्यापक रूप से हिस्बाह के नाम से जाना जाता है वह हर साल रमज़ान के दौरान भोजनालयों और बाजारों की तलाशी लेती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 10 पुरुषों और एक महिला को यह शपथ लेने के बाद रिहा कर दिया गया कि वे जानबूझकर दोबारा उपवास नहीं छोड़ेंगे।
हिस्बाह के प्रवक्ता लावल फग्गे के हवाले से बीबीसी ने बताया कि हमें मंगलवार को 11 लोग मिले जिनमें मूंगफली बेचने वाली एक महिला भी शामिल थी। महिला को अपने सामान से कुछ खाते हुए देखा गया था जिसके बाद लोगों ने इस्लामिक पुलिस को इसकी जानकारी दी थी। अन्य 10 पुरुष थे और उन्हें शहर भर से गिरफ्तार किया गया।
इस्लामिक पुलिस हिस्बाह ने साफ किया है कि तलाशी अभियान जारी रहेगा लेकिन गैर-मुसलमानों को छूट दी गई है। प्रवक्ता ने बताया कि हम गैर-मुसलमानों को गिरफ्तार नहीं करते क्योंकि इससे उन्हें कोई सरोकार नहीं है। गैर मुसलमान तभी अपराध के दोषी हो सकते हैं जब पता चले कि वे उपवास करने वाले मुसलमानों को बेचने के लिए खाना पका रहे हैं। दो दशक पहले नाइजीरिया के 12 उत्तरी राज्यों में शरिया लागू किया गया था।
बता दें कि भारत में 12 मार्च से मुस्लिम धर्म का पवित्र महीना रमजान शुरू हो गया है। रमजान का पाक महीना इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नौवां महीना होता है। इसे माह-ए-रमजान भी कहा जाता है। रमजान माह में रोजाना सूर्य उगने से पहले खाना खाया जाता है। इसे सहरी नाम से जाना जाता है। दिनभर बिना खाए-पिए रोजा रखने के बाद शाम को नमाज पढ़ी जाती है और खजूर खाकर रोजा खोला जाता है। यह शाम को सूरज ढलने पर मगरिब की अजान होने पर खोला जाता है। इसे इफ्तार के नाम से जाना जाता है।