लंदन, 15 अक्टूबर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में अपेक्षित वैश्विक कार्रवाई की कमी को लेकर नाराज प्रतीत होती हैं। हाल ही में इस संबंध में उनकी टिप्पणी सामने आयी थी। लेकिन अब स्पष्ट किया गया है कि यह निजी टिप्पणी थी जो संयोगवश एक निजी बातचीत के दौरान लाइवस्ट्रीम माइक्रोफोन ने रिकार्ड कर ली थी।
वेल्स की संसद --सेनेद-- के पहले दिन, बृहस्पतिवार को राजधानी कार्डिफ पहुंची ब्रिटेन की 95 वर्षीय महारानी जल्दी ही सीओपी26 सम्मेलन में दुनिया भर के नेताओं की मेजबानी करने वाली हैं।
इसी कार्यक्रम के दौरान महारानी की अपनी बहू डचेज ऑफ कॉर्नवाल कैमिला और संसद के पीठासीन अधिकारी एलिन जोन्स से निजी बातचीत फिल्माई गयी है।
‘द डेली टेलीग्राफ’ के अनुसार, निजी बातचीत में महारानी ने कहा, ‘‘मैं सीओपी के बारे में सब कुछ सुन रही हूं लेकिन मुझे अभी तक नहीं पता कि कौन-कौन आ रहा है....।’’
खबर के अनुसार, महारानी ने कहा, ‘‘हमें सिर्फ उनके बारे में पता है जो नहीं आ रहे हैं... और यह वाकई चिढ़ने वाली बात है, जब वे सिर्फ बातें करते हैं, कोई काम नहीं करते।’’
जी7 के सभी सदस्य देशों के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन दुनिया के उन कुछ नेताओं में से हैं जिन्होंने सम्मेलन में शामिल होने की हामी भरी है।
स्पेन में छुट्टियां मना रहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को वक्त निकालकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। दोनों के बीच सीओपी26 के दौरान भारत की भूमिका आदि को लेकर चर्चा हुई।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आवास डाउनिंग स्ट्रीट से जारी बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री (जॉनसन) ने आगामी सीओपी26 से पहले और सम्मेलन के दौरान जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण और ठोस प्रगति करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने रेखांकित किया कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत पहले ही दुनिया का नेतृत्व कर रहा है, आशा जतायी कि वे जलवायु परिवर्तन से निपटने और कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में और काम करेंगे।’’
सीओपी 26 सम्मेलन का आयोजन स्कॉटलैंड के ग्लासगो में अक्टूबर के अंत में होने वाला है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित विभिन्न राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों ने अभी तक सम्मेलन में भाग लेने के संबंध में कुछ स्पष्ट नहीं किया है।
सरकार में परिवहन मंत्री ग्रांट शैप्स ने कहा कि महारानी की यह टिप्पणी प्रसारण के लिहाज से नहीं थी। उन्होंने ‘स्काई न्यूज’ से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि निजी भाव से की गई टिप्पणी निजी ही रहनी चाहिए। हम सभी बेहतर करने की इच्छा रखते हैं और हमें पता है कि सैकड़ों नेता सीओपी के लिए ग्लासगो आ रहे हैं।’’
ब्रिटेन की संवैधानिक राजशाही में महारानी को राजनीति से अलग समझा जाता है और वह बिरले ही अपने विचार सार्वजनिक तौर पर रखती हैं। उनके पुत्र और उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स पर्यावरण के मुद्दे पर काफी मुखर हैं। चार्ल्स के बड़े बेटे प्रिंस विलियम ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार रखे हैं और पर्यावरणीय नवोन्मेष के लिए रविवार को दिए जाने वाले ‘अर्थशॉट प्राइज’ का समर्थन किया है।
बीबीसी पर बृहस्पतिवार को प्रसारित साक्षात्कार में विलियम ने अंतरिक्ष पर्यटन की आलोचना की और कहा कि दुनिया के बुद्धिमान लोगों को धरती पर ध्यान देना चाहिए।
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