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नेपाल के सत्तारूढ़ वामपंथी दल के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने कहा, पार्टी की अंदरुनी मतभेद को दूर करने का प्रयास जारी, समय से पहले नहीं होगी महासभा

By भाषा | Updated: July 21, 2020 05:51 IST

नेपाल के 68 वर्षीय प्रधानमंत्री केपी ओली ने शनिवार को प्रस्ताव रखा कि अंदरुनी कलह को दूर करने के लिए पार्टी की महासभा का आयोजन समय से पहले किया जाए।

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ठळक मुद्देस्थाई समिति के सदस्य मातृका यादव के अनुसार, प्रचंड ने कहा, ‘महासम्मेलन बुलाना कोई खराब विचार नहीं है, लेकिन पूरी तैयारी के बिना यह संभव नहीं है।वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनल सहित प्रचंड का खेमा कुछ सप्ताह पहले तक केपी ओली पर प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख दोनों का पद छोड़ने का दबाव बना रहा था। माधव नेपाल के खेमे ने रविवार को प्रचंड से स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या समय से पहले आम चुनाव कराने को लेकर उनके और ओली के बीच कोई समझौता हुआ है।

काठमांडू: नेपाल के सत्तारूढ़ वामपंथी दल के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने सोमवार को कहा कि पार्टी के भीतर के मतभेदों को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने पार्टी की महासभा का आयोजन तय समय से पहले किए जाने से भी इंकार किया।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने पार्टी की महासभा बुलाने का प्रस्ताव रखा था । काठमांडू पोस्ट की खबर के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने पूर्व माओवादी पार्टी के प्रतिनिधि स्थाई समिति के सदस्यों के साथ बैठक में उक्त बात कही। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की 45 सदस्यीय स्थाई समिति के 15 सदस्यों ने इस बैठक में हिस्सा लिया।

यह बैठक स्थाई समिति के सम्मेलन की पूर्व संध्या पर हुई है। गौरतलब है कि 24 जून से अभी तक समिति का सम्मेलन सात बार टल चुका है। 68 वर्षीय ओली ने शनिवार को प्रस्ताव रखा कि अंदरुनी कलह को दूर करने के लिए पार्टी की महासभा का आयोजन समय से पहले किया जाए।

स्थाई समिति के सदस्य मातृका यादव के अनुसार, प्रचंड ने कहा, ‘महासम्मेलन बुलाना कोई खराब विचार नहीं है, लेकिन पूरी तैयारी के बिना यह संभव नहीं है क्योंकि पार्टी की विचारधारा सहित कई बातों को सुलझाना है।’’

प्रचंड की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आयी है, जब खबरें आ रही थीं कि उनके और ओली के बीच नवंबर/दिसंबर में महासभा को लेकर सहमति बन गयी है और ओली पार्टी प्रमुख पद के लिए प्रचंड का समर्थन करेंगे। वरिष्ठनेताओं माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनल सहित प्रचंड का खेमा कुछ सप्ताह पहले तक ओली पर प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख दोनों का पद छोड़ने का दबाव बना रहा था।

अखबार के अनुसार, माधव नेपाल के खेमे ने रविवार को प्रचंड से स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या समय से पहले आम चुनाव कराने को लेकर उनके और ओली के बीच कोई समझौता हुआ है, अगर ऐसा हुआ है तो उन्होंने अपने सहयोगियों की राय लिए बगैर ऐसा क्यों किया।

पूर्व माओवादी पार्टी के नेताओं ने बताया कि सोमवार की बैठक में प्रचंड ने प्रधानमंत्री ओली के साथ हुई बातचीत के बारे में उन्हें बताया। राइजिंग नेपाल अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि गृह मंत्री राम बहादुर थापा ‘बादल’ और उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री लेख राज भाटा प्रचंड द्वारा आहूत बैठक में शामिल नहीं थे।

एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, प्रचंड ने बैठक में कहा, ‘‘मैं किसी पद के लिए नहीं लड़ रहा हूं। मैं सिर्फ सही तरीके और तंत्र के साथ पार्टी चलाना चाहता हूं।’’ सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक और स्थाई समिति के सदस्य देव गुरुंग ने कहा कि सोमवार की बैठक में पार्टी के दोनों प्रमुखों के बीच हुई विभिन्न बैठकों की पूरी जानकारी दी गई।

गुरुंग ने कहा कि हमने प्रमुख प्रचंड से कहा कि वह पार्टी में एकता बनाए रखने का प्रयास करें। उन्होंने कहा, ‘‘वैसे पार्टी में कुछ मतभेद दिख रहे हैं लेकिन आम सहमति पर पहुंचने के प्रयास जारी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी प्रमुख प्रचंड देश और नागरिकों की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।’’ प्रचंड ने पार्टी नेताओं को आश्वासन दिया कि वह मतभेद दूर कर लेंगे।

टॅग्स :नेपालकेपी ओली
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