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प्राकृतिक संसाधनों के खनन के लिए तालिबान ने की बड़ी डील, 7 खदानों के लिए 6.5 अरब डॉलर से अधिक का सौदा किया

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 1, 2023 15:15 IST

6.5 अरब डॉलर से अधिक मूल्य की सात खदानों के अनुबंध पर गुरुवार को आर्थिक मामलों के उपप्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और इस्लामिक अमीरात के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

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ठळक मुद्दे प्राकृतिक संसाधनों के खनन के लिए तालिबान ने की बड़ी डील 6.5 अरब डॉलर से अधिक मूल्य की सात खदानों के लिए हुई डील चीन, तुर्की और ईरान की कंपनियों को खनन की अनुमति मिली

काबुल: अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज तालिबान ने देश में मौजूद प्राकृतिक संसाधनों के खनन के लिए चीन, तुर्की और ईरान की कंपनियों से एक अहम डील की है। अफग़ानिस्तान में तालिबान सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की दिशा में बड़ी पहल करते हुए लौह अयस्क और सोने आदि की सात खदानें चीन, तुर्की और ईरान की कंपनियों को खनन के लिए सौंपी हैं।

कार्यवाहक पेट्रोलियम और खान मंत्री शहाबुद्दीन डेलावर ने 7 प्रमुख खदानों के निष्कर्षण और प्रसंस्करण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि खनन अनुबंधों में पूरी पारदर्शिता है, और अवैध खनन और तस्करी को रोका गया है। 6.5 अरब डॉलर से अधिक मूल्य की सात खदानों के अनुबंध पर गुरुवार को आर्थिक मामलों के उपप्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और इस्लामिक अमीरात के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

कार्यवाहक पेट्रोलियम और खान मंत्री ने यह भी कहा कि तखर प्रांत में 12 किमी वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाली सोने की खदानें जरावर अफगानिस्तान प्राइवेट कंपनी के साथ चीन-अफगानिस्तान कंपनी को सौंपी जाएंगी और इसमें 310 मिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा। डेलावर के अनुसार, लोगर में मेस अयनाक की दूसरी ब्लॉक खदान, जिसका क्षेत्रफल 240 वर्ग किलोमीटर है, को एक निजी कंपनी टुरिया को सौंप दिया गया है। कंपनी को 411 मिलियन डॉलर का निवेश करने की उम्मीद है।

बता दें कि अफग़ानिस्तान में कई ट्रिलियन डॉलर की खनिज संपदाएं है, जिसमें तेल, प्राकृतिक गैस, बहुत से क़ीमती खनिज व पत्थर, सोना, लोहा, ताँबा और विरल खनिज (रेयर अर्थ मटेरियल) हैं। लीथियम भी इनमें से एक है। विदेशी मीडिया में छपी रिपोर्ट्स में यहां तक दावा किया गया है कि अफ़ग़ानिस्तान ‘लीथियम का सऊदी अरब’ बन सकता है। 

अफगानिस्तान में अस्थिरता के कारण वहाँ अवैध खनन बहुत होता रहा है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद अवैध खनन और तस्करी पर बहुत हद तक क़ाबू किया गया है। मंत्री शहाबुद्दीन डेलावर ने कहा कि हेरात प्रांत में घोरियान लौह खदान का पहला खंड वतन दरख्शां कंपनी को सौंप दिया गया है, जिसमें 2.8 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। हेरात में गोरियान लौह खदान का दूसरा ब्लॉक साहिल मिडिल ईस्ट माइनिंग एंड लॉजिस्टिक्स कंपनी, एक अफगानी कंपनी दारा-ए-नूर और एक तुर्की कंपनी एपकोल ​​को सौंप दिया गया है, जिसमें 874 मिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा।

टॅग्स :अफगानिस्तानAfghan Talibanतालिबानचीनईरान
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