SCO Summit: एक ही कार में सवार हुए पीएम मोदी और पुतिन, ट्रंप को लगी मिर्ची! देखें वीडियो

By अंजली चौहान | Updated: September 1, 2025 11:55 IST2025-09-01T11:37:31+5:302025-09-01T11:55:36+5:30

SCO Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य राष्ट्राध्यक्ष/सरकाराध्यक्ष चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) शिखर सम्मेलन में एक समूह तस्वीर के लिए पोज़ देते हुए।

Pm Narendra Modi and Russian President Vladimir Putin travel in same car to destination of their bilateral meeting in Tianjin China Trump got irritated Watch video | SCO Summit: एक ही कार में सवार हुए पीएम मोदी और पुतिन, ट्रंप को लगी मिर्ची! देखें वीडियो

SCO Summit: एक ही कार में सवार हुए पीएम मोदी और पुतिन, ट्रंप को लगी मिर्ची! देखें वीडियो

SCO Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के तियानजिन में अपनी द्विपक्षीय बैठक के लिए एक ही कार में यात्रा करते नजर आए। ये नजारा देखने लायक था जब दो देशों के शीर्ष नेता एक ही कार में बैठ कर द्विपक्षीय वार्ता कर रहे हों। यह तस्वीर दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत संबंधों को दर्शाती हैं। यह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद हुआ। पुतिन के साथ अपनी यात्रा की तस्वीर साझा करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, "एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और मैं अपनी द्विपक्षीय बैठक स्थल तक एक साथ गए। उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है।"

मालूम हो कि पीएम मोदी और पुतिन की तस्वीर ऐसे समय में एक साथ आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ लगाया जा रहा है। डोनाल्ट ट्रंप की ओर से साफ शब्दों में कहा गया है कि भारतरूस के साथ तेल व्यापार को खत्म करें वरना उसे टैरिफ की मार झेलनी होगी। हालांकि, भारत की तरफ से इस पर कोई खास प्रतिक्रिया आती नहीं दिख रही और ऐसे में इस तस्वीर का सामने आना दबे शब्दों में बहुत कुछ कहती नजर आ रही है। 

एससीओ शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आतंकवाद और उग्रवाद मानवता के लिए एक संयुक्त चुनौती हैं। जब तक ये खतरे बने रहेंगे, कोई भी देश या समाज खुद को सुरक्षित नहीं मान सकता।"

भारत के रूस के साथ सात दशकों से मज़बूत और स्थिर संबंध रहे हैं। 2022 में यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद से भारत और चीन रूस के सबसे बड़े तेल खरीदार बन गए हैं। पश्चिमी देशों ने मास्को से ऊर्जा आयात बंद कर दिया है और रूसी तेल व्यापार पर मूल्य सीमाएँ लगा दी हैं। हालाँकि, अगर सौदे पश्चिमी प्रतिबंधों के मानकों को पूरा करते हैं, तो रूसी तेल की खरीद पर कोई व्यापक प्रतिबंध नहीं है।

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