आखिर पीएम मोदी के अरुणाचल दौरे पर चीन की हिमाकत के पीछे क्या कारण है?

By विकास कुमार | Updated: February 9, 2019 20:46 IST2019-02-09T20:36:05+5:302019-02-09T20:46:23+5:30

पीएम मोदी के दौरे का चीन ने कोई पहली बार विरोध नहीं किया है. इसके पहले बीते साल इसी महीने में चीन ने देश के प्रधानमंत्री मोदी के अरुणाचल दौरे का विरोध किया था. लेकिन सवाल है कि 56 इंच का सीना रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने की हिमाकत चीन कैसे उठा रहा है?

PM Modi Arunachal visit and China response is not happened first time, Shi jinping agenda? | आखिर पीएम मोदी के अरुणाचल दौरे पर चीन की हिमाकत के पीछे क्या कारण है?

आखिर पीएम मोदी के अरुणाचल दौरे पर चीन की हिमाकत के पीछे क्या कारण है?

Highlightsचीन ने पिछले साल भी पीएम मोदी के अरुणाचल दौरे का विरोध किया था.डोकलाम विवाद के समय चीन और भारत के रिश्ते नाजुक दौर में पहुंच गए थे.

चीन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश के दौरे का शनिवार को ‘‘दृढ़ता से विरोध’’किया और कहा कि वह कभी इस संवेदनशील सीमांत प्रदेश को मान्यता नहीं देगा और भारतीय नेतृत्व को ऐसी किसी कार्रवाई से परहेज करना चाहिए जो ‘‘सीमा प्रश्न को जटिल’’बनाती हो।

चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाईट पर डाली गई प्रतिक्रिया में हुआ ने कहा, ‘‘चीन भारतीय पक्ष से आग्रह करता है कि वह दोनों देशों के साझे हितों को ध्यान में रखे, चीनी पक्ष के हितों और चिंताओं का सम्मान करे, द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार की गति बरकरार रखे और ऐसी कार्रवाई से परहेज करे जो विवाद को बढ़ा दे या सीमा प्रश्न को उलझा दे।’’

पीएम मोदी की चीन नीति पर भी सवाल 

पीएम मोदी के दौरे का चीन ने कोई पहली बार विरोध नहीं किया है. इसके पहले बीते साल इसी महीने में चीन ने देश के प्रधानमंत्री मोदी के अरुणाचल दौरे का विरोध किया था. लेकिन सवाल है कि 56 इंच का सीना रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने की हिमाकत चीन कैसे उठा रहा है? शी जिनपिंग 2014 में भारत के दौरे पर आये थे और इस दौरान पीएम मोदी ने उन्हें साबरमती आश्रम में झूला भी झुलाया था. इसके बाद सरकार की तरफ से दावा किया गया था कि चीन के साथ रिश्ते अब ऐतिहासिक दौर से गुजर रहे हैं. लेकिन बीजेपी के इस दावे को चीन ने उस समय धत्ता बता दिया जब 2017 में डोकलाम में चीन और भारत की सेना 2 महीने से भी ज्यादा वक्त तक आमने-सामने रही. इस दौरान भारतीय सेना ने चीनी सेना के सामने डटकर खड़ी रही. आखिर में ड्रैगन को वापस लौटना पड़ा. 

विदेशी निवेश का प्रस्ताव 

चीन ने हाल ही में मोदी सरकार से कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी को चीनी निवेश को देश में बढ़ाना चाहिए ताकि भारत में रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सके. और इसका फायदा मोदी सरकार को चुनाव में मिल सकता है. चीन के इस प्रस्ताव का मोदी सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला था. चीन और भारत के बीच हाल के दिनों में ट्रेड डेफिसिट में कमी आई है. अमेरिका के साथ जारी ट्रेड वॉर के कारण भारत के साथ चीन के व्यापारिक हितों में सुधार आ सकता है, ऐसा अनुमान संयुक्त राष्ट्र ने लगाया था. लेकिन चीन के तेवर देख कर ऐसा लगता नहीं है कि चीन व्यापारिक हितों को महत्व देने के मूड में है. 

चीन की चिढ़ का कारण 

चीन अरुणाचल का राग हमेशा से छेड़ता रहा है. लेकिन जिस तरह से हाल के दिनों में भारतीय सेना ने मोर्चा संभाला है उसने चीन को कहीं न कहीं चिंतित कर दिया है. भारत अरुणाचल में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य कर रहा है और इसके साथ ही अरुणाचल में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति मजबूत होने के कारण भी राज्य में लोगों का राष्ट्रवाद के प्रति झुकाव बढ़ा है. और हाल के दिनों में अरुणाचल के लोग चीन का खुले रूप में विरोध कर रहे हैं. भारतीय सेना की बढ़ती मौजूदगी और पीएम मोदी का अरुणाचल को लेकर बढ़ता प्यार चीन को रास नहीं आ रहा है.   
 

Web Title: PM Modi Arunachal visit and China response is not happened first time, Shi jinping agenda?

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