भारत की ब्रह्मोस से चीन को टक्कर देगा फिलीपींस, बना रहा है मिसाइल बेस, ड्रैगन की नींद उड़ी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: June 22, 2024 14:42 IST2024-06-22T14:40:17+5:302024-06-22T14:42:45+5:30

फिलीपींस के इस फैसले का उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में चीनी युद्ध बेड़े की निगरानी करना है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव ने फिलीपींस को भारत से ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली खरीदकर अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

Philippines will compete with China with India's BrahMos building missile base | भारत की ब्रह्मोस से चीन को टक्कर देगा फिलीपींस, बना रहा है मिसाइल बेस, ड्रैगन की नींद उड़ी

भारत की ब्रह्मोस से चीन को टक्कर देगा फिलीपींस

Highlights भारत ने अप्रैल महीने में फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की पहली खेप की आपूर्ति की थीफिलीपींस ब्रह्मोस मिसाइल के लिए एक बेस स्थापित कर रहा है इस फैसले का उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में चीनी युद्ध बेड़े की निगरानी करना है

नई दिल्ली: भारत ने अप्रैल महीने में फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की पहली खेप की आपूर्ति की थी। अब चीन का मुकाबला करने के लिए एक रणनीतिक कदम में फिलीपींस ब्रह्मोस मिसाइल के लिए एक बेस स्थापित कर रहा है। दक्षिण चीन सागर में चीन द्वारा दिखाई जा रही सैन्य आक्रामकता के मद्देनजर यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है। फिलीपींस के इस फैसले का उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में चीनी युद्ध बेड़े की निगरानी करना है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव ने फिलीपींस को भारत से ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली खरीदकर अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

हाल की ओपन-सोर्स उपग्रह तस्वीरों से फिलीपींस में पश्चिमी लुज़ोन के तट पर ज़ाम्बेल्स में ब्रह्मोस साइट के निर्माण का पता चला। यह रणनीतिक स्थान फिलीपींस को चीनी युद्धपोतों, विमानों, ड्रोन और पनडुब्बियों पर कड़ी नजर रखने में मदद करता है। ब्रह्मोस मिसाइल एक जहाज-रोधी हथियार प्रणाली है। इसकी मदद से फिलीपींस अपनी समुद्री सीमाओं को अभेद्य बनाना चाहता है।

हाल के दिनों में चीन और फिलीपींस के बीच समुद्र में टकराव की कई घटनाएं सामने आई हैं। स्थिति हाल ही में तब बिगड़ गई जब दक्षिण चीन सागर में विवादित स्प्रैटली द्वीप समूह के पास फिलीपीन के एक आपूर्ति जहाज को चीनी तट रक्षक के एक जहाज ने टक्कर मार दी। चीन ने दावा किया कि फिलीपीनी जहाज सेकेंड थॉमस शोल के पास पानी में घुस गया था, जिससे चीनी सेना को उसे खदेड़ना पड़ा। स्प्रैटली द्वीप एक विवादास्पद क्षेत्र है, चीन और फिलीपींस दोनों इन क्षेत्रों पर अपना दावा करते हैं।

दक्षिण पूर्व एशियाई देश फिलीपींस ने भारत से  ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के लिए 37.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का करार दो साल पहले किया था। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान ने फिलीपींस की नौसेना के लिए मिसाइल और लॉन्चरों को द्वीपीय देश तक पहुंचाया। भारत ने जनवरी 2022 में मिसाइल की तीन बैटरी की आपूर्ति के लिए फिलीपींस के साथ करार किया था। 

फिलीपींस पहला देश है, जिसे भारत ने अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइल की आपूर्ति की है। अर्जेंटीना सहित कुछ अन्य देशों ने भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रुचि दिखाई है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड भारत-रूस का संयुक्त उपक्रम है, जो इन सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है। ब्रह्मोस मिसाइलों को पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों आदि से दागा जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक यानी ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक गति से लक्ष्य तक पहुंचती है।

Web Title: Philippines will compete with China with India's BrahMos building missile base

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