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कोविड-19 के लिए ब्लीच और एंटीसेप्टिक का इस्तेमाल करना चाहते हैं लोग

By भाषा | Updated: October 18, 2021 12:52 IST

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(डेरेन रॉबटर्स, कॉन्ज्वाइंट एसोसिएट प्रोफेसर, क्लिनिकल फार्माकोलॉजी एंड टॉक्सीकोलॉजी, यूएनएसडब्ल्यू और निकोल राइट, क्लनिकल एजुकेटर, फैकल्टी ऑफ फार्मेसी, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी)

सिडनी, 18 अक्टूबर (द कन्वरसेशन) न्यू साउथ वेल्स के विष सूचना केंद्र में अपने काम के जरिए हमें अक्सर माता-पिता के ऐसे फोन आते हैं कि अगर उनके बच्चे ने साफ-सफाई में इस्तेमाल होने वाला कोई उत्पाद गलती से पी लिया तो क्या किया जाए। हम स्वास्थ्य पेशेवरों से भी सलाह लेते हैं कि विषाक्तता से कैसे निपटा जाए।

पिछले 18 महीनों से हमने देखा कि उन लोगों के फोन ज्यादा आ रहे हैं जो हमसे कोविड-19 खासतौर से संक्रमण का प्रसार होने की स्थिति में उसे रोकने या उससे ठीक होने के लिए घरेलू नुस्खों के बारे में पूछ रहे हैं। वे ब्लीच या रोगाणुनाशक जैसी चीजों के इस्तेमाल से पहले सलाह ले रहे हैं। या वे इनसे गरारे करने, स्प्रे करने या नहाने के बाद के दुष्प्रभावों के बारे में पूछने के लिए फोन कर रहे हैं।

ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल करने की वजहों के बारे में पूछे जाने पर फोन करने वाले लोग कहते हैं कि उन्हें नहीं मालूम कि ये हानिकारक हो सकते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि वे सोचते हैं कि कुछ न करने से बेहतर है कि कुछ किया जाए।

हम कोविड-19 के घरेलू नुस्खों के इस्तेमाल को लेकर चिंतित हैं। लोगों ने हमारे चौबीसों घंटे उपलब्ध विष सूचना केंद्र में जिन चीजों के बारे में पूछा है उनमें से कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं जिनमें चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।

हाइड्रोजन पेरोक्साइड से सांस लेना :

हाइड्रोजन पेरोक्साइड का इस्तेमाल घर में रोगाणुनाशकों, क्लोरीन मुक्त ब्लीच, दाग-धब्बे हटाने वाले उत्पादों और बाल को रंगने के लिए आने वाले रसायनों में किया जाता है। और लोग सांस के जरिए शरीर में जाने वाले उत्पादों के बारे में पूछ रहे हैं जिनमें हाइड्रोजन पेरोक्साइड धुएं यानी नेबुलाइजिंग के जरिए लिया जाता है।

किसी भी दंत्य चिकित्सा प्रक्रिया से पहले एंटीसेप्टिक के तौर पर हाइड्रोजन पेरोक्साइड माउथवॉश का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। यह कहना कि क्या यह सार्स-सीओवी-2 को खत्म करता है, यह विरोधाभासी है। सार्स-सीओवी-2 ही कोविड-19 के लिए जिम्मेदार है।

धुएं के रूप में हाइड्रोजन पेरोक्साइड को लेने से नाक, गले और फेफड़ों में जलन और सूजन हो सकती है। लोगों को खांसी हो सकती है और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, यह फेफड़ों को लगातार नुकसान पहुंचा सकता है। इन लक्षणों की फेफड़ों के संक्रमण के तौर पर गलत व्याख्या की जा सकती है। अगर आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं तो धुएं के रूप में हाइड्रोजन पेरोक्साइड लेने से आप और बीमार पड़ सकते हैं तथा आपकी बीमारी लंबी हो सकती है।

लोगों ने हाइड्रोजन पेरोक्साइड लेने के बाद जी मिचलाने और उल्टी की भी शिकायत की। अधिक मात्रा में इसे लेने से खतरा बढ़ सकता है। हम इसकी किसी भी मात्रा को सुरक्षित नहीं मानते हैं।

गरारे करना या एंटीसेप्टिक्स निगलना :

लोगों ने गरारे करने या कड़े एंटीसेप्टिक्स निगलने के बारे में भी फोन किया। इससे मुंह में जलन, सूजन और दर्द होने के साथ उल्टी, दस्त और पेट में दर्द हो सकता है। जिस तरह के उत्पादों का आप रसोई या बाथरूम में सफाई के लिए इस्तेमाल करते हैं, ऐसे उत्पादों से गरारे करना या उन्हें निगलना खासतौर से असुरक्षित है। इससे मुंह और पेट के बीच ऊपरी आंत में रक्तस्राव समेत जानलेवा चोटें आ सकती है।

हाल में पोविडोन-आयोडीन वाले एंटीसेप्टिक से गरारे करने के घरेलू नुस्खे का काफी प्रचार किया गया। कम मात्रा (0.5-1 प्रतिशत) में पोविडोन-आयोडिन वाले उत्पादों से गरारे किए जा सकते हैं तथा सार्स-सीओवी-2 फैलने से बचने के लिए किसी भी दंत्य चिकित्सा प्रक्रिया से पहले पोविडोन-आयोडिन (0.5 प्रतिशत) माउथवॉश का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

कुछ अध्ययनों में यह सुझाव दिया गया कि कम मात्रा वाले गरारे और नाक के स्प्रे से नाक और मुंह में सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के जिंदा रहने की अवधि कम हो सकती है। लेकिन इसके नतीजों की वृहद अध्ययनों से ही पुष्टि की जानी चाहिए।

ब्लीच या रोगाणुनाशकों से नहाना :

घर में साफ-सफाई में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों जैसे कि ब्लीच या रोगाणुनाशकों से नहाना या उन्हें त्वचा पर सीधे इस्तेमाल करने से हल्की से मध्यम जलन और लाल चकते हो सकते हैं।

चेहरे पर स्प्रे करना :

रोगाणुनाशकों का चेहरे पर रोज स्प्रे करना और लंबे समय तक उनसे नहाने से नुकसान हो सकता है। इससे गले और फेफड़ों में जलन हो सकती है, चक्कर आ सकते हैं, सिरदर्द और जी मिचला सकता है।

अधिक मात्रा में विटामिन लेना :

अधिक मात्रा में लंबे समय तक विटामिन लेना भी चिंता का विषय है क्योंकि इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं :

-विटामिन सी से किडनी में पथरी हो सकती है

-जिंक से स्वाद और गंध जा सकती है।

-विटामिन डी से रक्त में कैल्शियम की मात्रा बढ़ सकती है, सिरदर्द, प्यास और असामान्य रूप से दौरे पड़ सकते हैं।

यह भ्रम का समय है :

अपने स्वास्थ्य देखभाल के बारे में फैसले लेने के लिए हाल के इतिहास में कोविड-19 सबसे अधिक भ्रम वाला वक्त है। लोग इस बारे में चर्चा करते हैं कि क्या इनमें से कोई प्रस्तावित घरेलू नुस्खा काम करता है जबकि इनके संभावित नुकसान पर भी विचार करना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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