कराची: आर्थिक और राजनीतिक अराजकता के बीच पाकिस्तान एक बड़े खाद्य संकट का सामना कर रहा है। घटते विदेशी मुद्रा भंडार और अस्थिर सरकार के बीच देश में आटे की भारी कमी है। कीमत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बाद पाकिस्तान में कम आय वर्ग के लिए एक थैला आटा खरीदना मुश्किल हो गया है और लोग मदद के लिए सरकार की ओर देख रहे हैं।
पाकिस्तान मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो हफ्ते में 300 रुपये की बढ़ोतरी के बाद 15 किलो गेहूं का बैग 2,050 रुपये में बिक रहा है। इस बीच सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिनमें पाकिस्तान के कई हिस्सों में आटे के लिए लोगों को लड़ते हुए देखा जा सकता है।
द डॉन के अनुसार, शहबाज शरीफ की अगुआई वाली पाकिस्तान सरकार ने यूटिलिटी स्टोर्स कॉरपोरेशन (यूएससी) के माध्यम से बिक्री के लिए गेहूं के आटे, चीनी और घी की कीमतों में 25 प्रतिशत से 62 प्रतिशत की बढ़ोतरी की, ताकि अलक्षित सब्सिडी के प्रभाव को कम किया जा सके।
इस बीच पाकिस्तान में पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ से उबरने व पुनर्निर्माण के प्रयासों के लिए अमेरिका ने उसे अतिरिक्त 10 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की है। इस भयावह बाढ़ की चपेट में आने से 1,739 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 3.3 करोड़ लोगों का जीवन प्रभावित हुआ था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इसमें शरणार्थी आश्रय क्षेत्रों में बाढ़ राहत और पुनर्वास प्रयासों में सहायता के लिए मानवीय मदद भी शामिल है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जिनेवा में जलवायु परिवर्तन के संबंध में एक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सोमवार को कहा था, "देश में क्षतिपूर्ति और पुनर्निर्माण को ध्यान में रखते हुए कम से कम 16।3 अरब डॉलर की जरूरत है। इसमें से आधी राशि घरेलू संसाधनों से प्राप्त होगी और आधी विदेशी संसाधनों से।"
(भाषा इनपुट के साथ)