पेगासस स्पाईवेयर जासूसी मामलाः फ्रांस में स्पाईवेयर के संदिग्ध इस्तेमाल की जांच शुरू, निजता के हनन और डाटा के अवैध इस्तेमाल का आरोप

By अभिषेक पारीक | Published: July 20, 2021 07:42 PM2021-07-20T19:42:37+5:302021-07-20T19:47:11+5:30

पेगासस स्पाईवेयर मामले में पेरिस का अभियोजक कार्यालय पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक असंतुष्टों को निशाना बनाने के लिए इजराइल के एनएसओ ग्रुप द्वारा बनाए स्पाईवेयर के संदिग्ध इस्तेमाल की जांच कर रहा है

Pegasus spyware espionage case: Investigation into suspected use of spyware begins in France | पेगासस स्पाईवेयर जासूसी मामलाः फ्रांस में स्पाईवेयर के संदिग्ध इस्तेमाल की जांच शुरू, निजता के हनन और डाटा के अवैध इस्तेमाल का आरोप

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsपेगासस स्पाईवेयर मामले में पेरिस के अभियोजक कार्यालय ने स्पाईवेयर के संदिग्ध इस्तेमाल की जांच शुरू की। निजता का हनन, डेटा के अवैध इस्तेमाल और अवैध रूप से स्पाईवेयर बेचने के आरोपों की जांच की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेशलेट ने कहा कि पूरी छूट के साथ लक्ष्मण रेखा लांघी गई है।

पेगासस स्पाईवेयर मामले में पेरिस का अभियोजक कार्यालय पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक असंतुष्टों को निशाना बनाने के लिए इजराइल के एनएसओ ग्रुप द्वारा बनाए स्पाईवेयर के संदिग्ध इस्तेमाल की जांच कर रहा है। स्पाईवेयर एक सॉफ्टवेयर होता है, जो किसी के कंप्यूटर में प्रवेश करता है, उसके उपयोगकर्ता के बारे में सूचना जुटाता है और उसे चोरी-छिपे किसी तीसरे पक्ष को भेजता है।

अभियोजक कार्यालय की ओर से मंगलवार को एक बयान जारी किया गया है। जिसमें बताया है कि उसने निजता का हनन, डेटा के अवैध इस्तेमाल और अवैध तरीके से स्पाईवेयर बेचने के आरोपों की जांच शुरू की गई है। दो पत्रकारों और फ्रांसीसी खोजी वेबसाइट मीडियापार्ट की शिकायत पर यह जांच शुरू की गई है।

इस हफ्ते प्रकाशित वैश्विक मीडिया समूह की एक जांच में पाया गया कि 50 देशों में 1,000 से अधिक लोगों को एनएसओ ग्राहकों ने पेगासस स्पाईवेयर द्वारा संभावित निगरानी के लिए कथित तौर पर चयनित किया था। उनमें फ्रांस के पत्रकार और नेता भी शामिल थे। हालांकि, एनएसओ ग्रुप ने इस बात से इनकार किया है कि उसने अतीत में, मौजूदा समय में या भावी लक्ष्यों की कोई सूची रखी। 

इस बीच, अमेरिका के बोस्टन से प्राप्त एक खबर के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेशलेट ने एक बयान में कहा, 'पूरी छूट के साथ एक बार फिर और फिर से लक्ष्मण रेखा लांघी गई है।' 

गौरतलब है कि पत्रकारिता से संबद्ध पेरिस की गैर लाभकारी फॉरबिडेन स्टोरीज और मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अज्ञात स्रोत से लीक डेटा हासिल किए हैं और कहा है कि इसके लोग एनएसओ ग्राहकों द्वारा निगरानी के लिए संभावित लक्ष्य थे। समूह के पत्रकारों ने 50,000 मोबाइल फोन नंबरों से अधिक को खंगाल कर 50 देशों में 1,000 से अधिक लोगों की पहचान की है, जिनमें 189 पत्रकार, 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता और कई राष्ट्रों के प्रमुख शामिल हैं। 

पत्रकारों में समाचार एजेंसी एसेसिएटेड प्रेस (एपी) रॉयटर्स के अलावा सीएनन, द वाल स्ट्रीट जर्नल, ले मोंदे और द फिनांशियल टाइम्स शामिल हैं। एमनेस्टी के जांचकर्ताओं ने पाया कि वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की मंगेतर हेटिस सेनगीज के मोबाइल फोन को खशोगी की 2018 में इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में हत्या के महज चार दिन बाद निशाना बनाया गया था। मेक्सिको के राष्ट्रपति एंडरे मैनुएल लोपेज ओबराडोर के 50 करीबी लोग भी संभावित लक्ष्य सूची में थे। ओबराडोर उस वक्त विपक्ष में थे। उस वक्त सूची में शामिल की गई मैक्सिको के संवाददाता सेसीलियो पीनेदा की 2017 में हत्या कर दी गई थी।


 

 

Web Title: Pegasus spyware espionage case: Investigation into suspected use of spyware begins in France

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