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भगोड़े नित्यानंद के देश 'संयुक्त राज्य कैलासा' के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करना पड़ा भारी, पराग्वे के अधिकारी को देना पड़ा इस्तीफा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 1, 2023 14:21 IST

सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई समझौते की एक प्रति के अनुसार, अन्य बातों के अलावा, 16 अक्टूबर की "उद्घोषणा" में संयुक्त राज्य कैलासा के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने पर विचार करने और संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों में इसके प्रशासन का संप्रभु एवं स्वतंत्र देश के रूप में समर्थन करने के लिए पराग्वे सरकार को सिफारिश की गई।

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ठळक मुद्देअर्नाल्डो चमोरो पराग्वे के कृषि मंत्रालय के स्टाफ प्रमुख के पद कार्यरत थेकाल्पनिक देश के प्रतिनिधियों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना भारी पड़ाखुलासा होने के बाद पराग्वे सरकार के अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया

नई दिल्ली: पराग्वे सरकार के एक अधिकारी को भगोड़े भारतीय गुरु नित्यानंद के  काल्पनिक देश के प्रतिनिधियों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना भारी पड़ा। इस मामले का खुलासा होने के बाद पराग्वे सरकार के अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया। नित्यानंद पर दक्षिण अमेरिकी देश में पराग्वे कई स्थानीय अधिकारियों को भी धोखा देने का आरोप है। ऐसे में जैसे ही खबर सामने आई वैसे ही सोशल मीडिया पर भी हंगामा हो गया।  इस रहस्योद्घाटन के बाद सोशल मीडिया पर खूब मज़ाक उड़ाया गया। अर्नाल्डो चमोरो पराग्वे के कृषि मंत्रालय के स्टाफ प्रमुख के पद कार्यरत थे।

 यह शायद पहली बार है कि काल्पनिक देश 'संयुक्त राज्य कैलासा' के स्वघोषित प्रतिनिधियों ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं को धोखा दिया है। इस साल की शुरुआत में, वे जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र समिति की बैठक में भाग लेने में कामयाब रहे और अमेरिका तथा कनाडा में स्थानीय नेताओं के साथ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए। काल्पनिक देश के प्रतिनिधियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का खुलासा होने पर अर्नाल्डो चमोरो ने बुधवार को पराग्वे के कृषि मंत्रालय के स्टाफ प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया।

सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई समझौते की एक प्रति के अनुसार, अन्य बातों के अलावा, 16 अक्टूबर की "उद्घोषणा" में संयुक्त राज्य कैलासा के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने पर विचार करने और संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों में इसके प्रशासन का संप्रभु एवं स्वतंत्र देश के रूप में समर्थन करने के लिए पराग्वे सरकार को सिफारिश की गई। चमोरो ने एक रेडियो साक्षात्कार में कहा कि काल्पनिक देश के प्रतिनिधियों ने उनसे और कृषि मंत्री कार्लोस जिमेनेज से मुलाकात की थी।

साक्षात्कार के दौरान, चमोरो ने माना कि उन्हें नहीं पता कि कैलासा कहाँ स्थित है। उन्होंने कहा कि उन्होंने "समझौता ज्ञापन" पर हस्ताक्षर इसलिए किए क्योंकि उन्होंने सिंचाई सहित विभिन्न मुद्दों पर पराग्वे की मदद करने की पेशकश की थी। कैलासा के सोशल मीडिया खातों में पोस्ट की गई तस्वीरों में काल्पनिक देश के प्रतिनिधि मारिया एंटोनिया और करपई नगरपालिकाओं के स्थानीय नेताओं के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए भी दिखाई देते हैं।

काल्पनिक देश की वेबसाइट पर, कैलासा को "प्राचीन, प्रबुद्ध, हिंदू सभ्यता वाले राष्ट्र के पुनरुद्धार" के रूप में वर्णित किया गया है, जिसे दुनिया भर से विस्थापित हिंदुओं द्वारा पुनर्जीवित किया जा रहा है। इसका नेतृत्व स्वयंभू गुरु नित्यानंद द्वारा किया जाता है, जो यौन उत्पीड़न सहित कई आरोपों में भारत में वांछित है। उसका ठिकाना अज्ञात है। मीडिया में आई खबरों के अनुसार, संयुक्त राज्य कैलासा के प्रतिनिधियों ने फरवरी में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र समिति की दो बैठकों में भाग लिया था।

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