पाकिस्तान: हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा के दो सदस्यों की गोली मारकर हत्या, मस्जिद बनाने को लेकर था विवाद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 14, 2022 07:27 IST2022-07-14T07:20:52+5:302022-07-14T07:27:07+5:30
मारे गए राशिद के भाई आसिफ अली ने पुलिस को बताया कि वह नृशंस हत्या का गवाह था। पुलिस के मुताबिक संदिग्धों ने उन्हें गोली मारने के बाद, उनके शरीर को लात मारी और धार्मिक नारे लगाए। आसिफ ने कहा कि संदिग्ध प्रतिद्वंद्वी जमात अहले-सुन्नत से जुड़े थे।

पाकिस्तान: हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा के दो सदस्यों की गोली मारकर हत्या, मस्जिद बनाने को लेकर था विवाद
लाहौरः मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के दो सदस्यों की एक अन्य प्रतिद्वंद्वी संगठन के सदस्यों ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह घटना पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तब हुई जब दोनों ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करके एक मस्जिद से लौट रहे थे।
पुलिस ने बताया कि घटना रविवार को फैसलाबाद के जरांवाला चक 97 जिले में हुई, जो लाहौर से 130 किलोमीटर दूर स्थित है। जमात-उद-दावा के मारे गए दोनों सदस्यों की पहचान राशिद अली और शाहिद फारूक के रूप में की गयी है। उन्होंने कहा कि संदेह है कि घटना को प्रतिद्वंद्वी संगठन जमात अहले सुन्नत के सदस्यों ने अंजाम दिया है।
जब संदिग्ध अशरफ काशी, जमील और दो अन्य लोगों ने उन्हें रोका और राशिद अली पर गोलियां चलाईं तो अली के बचाव में आने पर उन्होंने फारूक को भी गोली मार दी। उन्होंने बताया कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।राशिद के भाई आसिफ अली ने पुलिस को बताया कि वह नृशंस हत्या का गवाह था। पुलिस के मुताबिक संदिग्धों ने उन्हें गोली मारने के बाद, उनके शरीर को लात मारी और धार्मिक नारे लगाए। आसिफ ने कहा कि संदिग्ध प्रतिद्वंद्वी जमात अहले-सुन्नत से जुड़े थे।
आसिफ ने पुलिस को बताया कि संदिग्धों के मन में अहले हदीस की मस्जिद बनाने को लेकर राशिद से दुश्मनी थी, क्योंकि वे इसे अपने संप्रदाय के लिए बनाना चाहते थे। मामला तो दर्ज कर लिया गया है, लेकिन पुलिस अभी तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
भाषा इनपुट के साथ