अनुच्छेद 370 हटाए के बाद से बौखलाया हुआ है पाकिस्तान, अब कुलभूषण जाधव कॉन्सुलर एक्सेस न देने की घोषणा कर निकाली भड़ास
By रामदीप मिश्रा | Updated: September 12, 2019 13:50 IST2019-09-12T13:50:56+5:302019-09-12T13:50:56+5:30
भारतीय नागरिक जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं और ‘जासूसी तथा आतंकवाद के जुर्म में’ पड़ोसी देश ने 2017 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।

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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। उसने अब अपनी भड़ास भारतीय नागरिक एवं नौसेना के पूर्व कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस न देने पर निकाली है। दरअसल, पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले के तहत दो सितंबर को कुलभूषण जाधव को पहली बार राजनयिक पहुंच प्रदान की, जिसके बाद उनसे इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने मुलाकात की थी।
पाकिस्तान ने गुरुवार (12 सितंबर) को कुलभूषण जाधव को दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस देने से मना कर दिया। इस संबंध में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल का कहना है कि कुलभूषण जाधव को दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस नहीं दिया जाएगा।'
Dr Mohammad Faisal, Spokesperson, Ministry of Foreign Affairs, Pakistan: There would be no second consular access to Kulbhushan Jadhav. (file pic) pic.twitter.com/zthz4Zewfh
— ANI (@ANI) September 12, 2019
बता दें कि भारतीय नागरिक जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं और ‘जासूसी तथा आतंकवाद के जुर्म में’ पड़ोसी देश ने 2017 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक अगस्त को भी कहा था कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को अगले दिन राजनयिक पहुंच दी जायेगी।
हालांकि, जाधव को राजनयिक पहुंच की शर्तों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के बीच दो अगस्त की अपराह्र तीन बजे प्रस्तावित यह बैठक नहीं हो सकी थी। आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से पुन:विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया था।
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। उन पर ईरान से यहां आने के आरोप लगे थे। हालांकि, भारत का मानना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गए थे।