पाकिस्तान: यात्रा प्रतिबंध पर इमरान खान ने दी प्रतिक्रिया, कहा- 'विदेश जाने की कोई योजना नहीं'
By रुस्तम राणा | Published: May 26, 2023 03:52 PM2023-05-26T15:52:38+5:302023-05-26T15:52:38+5:30
इमरान खान ने ट्विटर पर लिखा, "मैं ईसीएल (एग्जिट कंट्रोल लिस्ट) पर अपना नाम डालने के लिए सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि मेरी विदेश यात्रा की कोई योजना नहीं है
इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार के द्वारा इमरान खान को 'नो-फ्लाई लिस्ट' में डाले जाने पर पीटीआई प्रमुख ने अपनी दी है। शुक्रवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, उनके पास न तो संपत्ति है और न ही विदेश में कोई व्यवसाय है, इसलिए उन्हें विदेश यात्रा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
खान ने ट्विटर पर लिखा, "मैं ईसीएल (एग्जिट कंट्रोल लिस्ट) पर अपना नाम डालने के लिए सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि मेरी विदेश यात्रा की कोई योजना नहीं है, क्योंकि न तो विदेश में मेरी कोई संपत्ति या व्यवसाय है और न ही देश के बाहर कोई बैंक खाता है।"
बता दें कि ईसीएल आंतरिक मंत्रालय द्वारा बनाए रखी जाती है और उन व्यक्तियों से संबंधित होती है जिन्हें लंबित अदालती मामलों या अन्य कारणों से देश छोड़ने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा, अगर और जब मुझे छुट्टी का अवसर मिलता है, तो यह हमारे उत्तरी पहाड़ों में होगा, जो धरती पर मेरी पसंदीदा जगह है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने गुरुवार को इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी सहित पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 80 नेताओं के कथित तौर पर देश छोड़ने पर रोक लगा दी है।
70 वर्षीय खान और उनकी पार्टी के कई शीर्ष नेता नौ मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा के सिलसिले में मुकदमों का सामना कर रहे हैं। 9 मई को अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से गिरफ्तार करने के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खान की गिरफ्तारी के जवाब में लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की। भीड़ ने पहली बार रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी धावा बोल दिया।
पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई है, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की जान चली गई। शक्तिशाली सेना द्वारा देश के इतिहास में एक "काला दिन" के रूप में वर्णित हिंसा के बाद खान के हजारों समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया था।