पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार कश्मीर चुनावी मुद्दा नहीं, जानिए क्या कहकर वोट मांग रही हैं पार्टियां

By खबरीलाल जनार्दन | Published: July 22, 2018 10:47 AM2018-07-22T10:47:59+5:302018-07-22T10:51:12+5:30

पाकिस्तान में 25 जुलाई को वोटिंग होनी है। ऐसे में चुनाव प्रचार चरम पर है। पढ़िए, पाकिस्तान चुनाव से जुड़ी सारी हलचल-

Pakistan General Elections 2018 Nawaz Sharif Imran Khan Zardari PMLN PPP PTI | पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार कश्मीर चुनावी मुद्दा नहीं, जानिए क्या कहकर वोट मांग रही हैं पार्टियां

पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार कश्मीर चुनावी मुद्दा नहीं, जानिए क्या कहकर वोट मांग रही हैं पार्टियां

Highlightsपाकिस्तान की जनता पूछ रही है, देश का विकास कैसे करोगेपाकिस्तान की तीनों पार्टियों के मेनिफेस्टो में कश्मीर का जिक्र पर कुछ पंक्तियों मेंपहले कश्मीर के मुद्दे पर लोगों ने जीती थी सत्ता

लाहौर, 22 जुलाई: आजाद पाकिस्तान के 71 सालों के इतिहास में पहली बार कश्मीर चुनावी मुद्दा नहीं है। आगामी 25 जुलाई को पाकिस्तान में वोटिंग होनी है। इन दिनों चुनाव प्रचार चरम पर है। सभी पर्टियां मतदाताओं को रिझाने में लगी हुई है। इनमें पहली बार एक अनोखी बात देखने को मिल रही है कि तीनों ही पाकिस्तानी प्रमुख पार्टियां पाकिस्तान मुस्लिम लीग - नवाज (पीएमएल - एन),  पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चुनावी मुद्दों में कश्मीर उस तरह से शामिल नहीं है, जैसे पहले होते आया था।

तीनों पा‌र्टियों के मेनिफस्टो में कश्मीर को लेकर बस कुछ लाइनें ही लिखी हैं। इनमें बस इतना कहा गया है कि सरकार बनने पर पार्टी कश्मीर समस्या का स्‍थाई हल निकालेगी और आवाम की जनता से बातचीत कर के इस मसले को सुझलाएगी। बल्कि तीनों पार्टियों ने अपने मेनिफेस्टो में पाकिस्तान के विकास संबंधी बातों को काफी अहम‌ियत दी है। तीनों पार्टियों ने चीन के साथ की आर्थ‌िक नीतियों को और पैनी बनाने के वायदे किए हैं। तीनों पार्टियां पाक-चीन आर्थिक गलियारे में सुधार के खुद को प्रतिबद्ध बताया है।

इतना ही नहीं इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन रिसर्च (आईपीओआर) के सर्वे मुताबिक पाकिस्तानी जनता अब अपनी सरकारों से भारत जैसे विकास चाहती हैं। जनता अपनी सरकारों से यह पूछ रही है कि आपकी सरकार आने पर आप शिक्षा को लेकर क्या बदलाव करेंगे। रोजगार को लेकर बदलाव करेंगे। उल्लेखनीय है कि अभी तीन महीने पहले तक यही पार्टियां कश्मीर को पाक में शामिल कर देने का दावा कर रही थीं। लेकिन चुनाव ऐन पहले कई तरह के सर्वे व वहां के अखबारों आदि ने लगातार यह रिपोर्ट किया कि जनता का मूड क्या है। इसके बार सभी पार्टियों ने अपने प्रचार का पहिया मोड़ दिया। इन दिनों पाकिस्तान में कश्मीर का मुद्दा जैसे गायब ही हो गया है। जबकि पहले नवाज शरीफ से लेकर इमरान खान तक कश्मीर पर रोजाना बयान देते थे।

दूसरी ओर पाकिस्तानी आवाम का मूड भांपते हुए तीनों पार्टियों ने आतंकवाद से निपटने को बड़ा मुद्दा बनाया है। पार्टियों लोगों से यह कहकर वोट मांग रही हैं कि दूसरी पा‌र्टियां संसद तक आतंकियों को लाना चाहती हैं। ऐसे में ऐसी पार्टी को चुनें जो आपको एक विकासोन्मुख सरकार दे सके।

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संसद में आतंकी लाए जा रहे हैं: पाक सांसद

पाकिस्तान के कई सांसदों ने प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की मंजूरी दिए जाने को लेकर आज चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे तो संसद में आतंकवादी आ जाएंगे। उन्होंने पाकिस्तान के चुनाव आयोग को आगाह किया कि प्रतिबंधित संगठनों को चुनाव लड़ने की मंजूरी देने से चरमपंथी तत्व मुख्यधारा में आ जाएंगे। 

पाकिस्तान मुस्लिम लीग - नवाज (पीएमएल - एन) के सीनेट सदस्य परवेज राशिद ने प्रतिबंधित समूहों से सम्बद्ध उम्मीदवारों को 25 जुलाई को होने वाले चुनाव में खड़े होने की मंजूरी जबकि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जेल भेजने की तरफ संकेत करते हुए कहा , ‘‘आतंकी संसद में लाए जा रहे हैं जबकि सांसदों को जेल भेजा जा रहा है। ’’ 

उन्होंने कहा , ‘‘आतंकी संसद में जगह पाने में सफल होंगे क्योंकि प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जा रही है। ’’ सीनेट में विपक्ष के नेता और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की प्रमुख सदस्य शेरी रहमान ने आगाह किया कि ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की अनुमति देने से वे मुख्यधारा में आ जाएंगे। उन्होंने कहा , ‘‘अगर ये लोग (चरमपंथी तत्व) संसद में आ गए तो हम सांस नहीं ले पाएंगे। ’’

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लश्कर से जुड़े लोगों के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने पर अमेरिका ने जताई चिंता : रिपोर्ट

अमेरिका ने पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले चुनावों में आतंकी संगठन लश्कर - ए - तैयबा से संबद्ध लोगों के खड़े होने पर चिंता व्यक्त की है। मीडिया में आई खबरों में यह बात कही गई। इसमें कहा गया कि अमेरिका ने अपनी चिंताओं से पाकिस्तान को अवगत करा दिया है । साथ ही यूरोपीय संघ ने भी पाकिस्तान से चुनावों के लिये ‘‘सुरक्षित और भयमुक्त स्थितियां ’’ बनाने को कहा है।

डान अखबार के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा , ‘‘लश्कर - ए - तैयबा को लेकर हमनें अपनी चिंताओं से बार - बार पाकिस्तानी सरकार को अवगत कराया है। इसमें लश्कर से जुड़े व्यक्तियों के चुनाव लड़ने की भी बात है। ’’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी निर्वाचन आयोग ने जून में मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के पंजीकरण को रद्द कर दिया था और इसकी वजह लश्कर से उसके संबंधों को बताया था। लश्कर अंतरराष्ट्रीय रूप से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है। बयान में यह भी कहा गया कि विदेश विभाग ने अप्रैल में लश्कर की विदेशी आतंकवादी संगठन की स्थिति में भी बदलाव किया था जिससे एमएमएल को लश्कर के सहयोगी के तौर पर जोड़ा जा सके।

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जेल से रेस्ट हाउस जाने के इच्छुक नहीं शरीफ और मरियम : रिपोर्ट

पाकिस्तान की जेल में कैद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम अदियाला जेल से रेस्ट हाउस में जाने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि वहां हाई प्रोफाइल कैदियों के लिये जरूरी उचित सुरक्षा इंतजाम की कमी है। ‘डॉन ’ की रिपोर्ट में कहा गया कि पिता - पुत्री को रेस्ट हाउस नहीं भेजा जा सकता है , इसका एक बड़ा संकेत यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी बेटी की समुचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये कुछ बेहद खतरनाक कैदियों को प्रांत में कहीं और भेजा जा रहा है। जवाबदेही अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में शरीफ और मरियम को दोषी ठहराया है।

धन शोधन मामले में एफआईए ने जरदारी, बहन सहित 20 लोगों को भगोड़ा घोषित किया

पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफएआई) ने आज पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उसकी बहन सहित 20 संदिग्धों को 35 अरब रूपये धनशोधन के मामले में भगोड़ा घोषित किया है। एक्सप्रेस टिब्यून ने खबर दी है कि एफबीआई ने एक मशहूर बैंकर और आसिफ अली जरदारी के करीबी सहयोगी हुसैन लवई और अन्य संदिग्धों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया। 

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह अध्यक्ष और उनकी बहन फरयाल तालपुर के अलावा एक निजी बैंक के अध्यक्ष सहित 18 अन्य को चालान में भगोड़ा घोषित किया गया।

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भारत में कश्मीर पर क्या हो रही चर्चा

पीडीपी ने नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ल द्वारा संसद में कश्मीर पर दिये गये बयान का आज स्वागत किया और कहा कि केंद्र को घाटी में राजनीतिक दलों के बीच आमसहमति का उपयोग करना चाहिए तथा यथाशीघ्र उसपर कदम उठाना चाहिए। नेकां नेता फारुक अब्दुल्ला ने 16 वीं लोकसभा में कल अपने पहले भाषण में कश्मीर में शांति का मुद्दा उठाया था और सरकार से पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू करने की भावुक अपील की थी। 

पूर्व मंत्री और वरिष्ठ पीडीपी नेता नईम अख्तर ने यहां एक बयान में कहा , ‘‘ पीडीपी अब्दुल्ला के हृदय परिवर्तन का स्वागत करती है। ... हम आशा करते हैं कि वह अपने इस बयान पर कायम रहेंगे और सकारात्मक तरीके से कश्मीर मुद्दे के समाधान में योगदान करेंगे। ’’ उन्होंने कहा , ‘‘ केंद्र सरकार के लिए कश्मीर के शांतिपूर्ण समाधान के लिए वहां के राजनीतिक दलों के बीच इस सहमति का उपयोग करने का सही वक्त है और भारत सरकार को यथाशीघ्र इस सहमति पर कदम उठाना चाहिए। ’’ 

अख्तर ने कहा कि वैसे तो नेकां अध्यक्ष अपनी बात से पलट जाने के लिए जाने जाते हैं , लेकिन पार्टी को उम्मीद है कि जो कश्मीर के शांतिपूर्ण समाधान के लिए संसद में जो कुछ कहा है , वह नहीं बदलेगा।

(भाषा का इनपुट से)

English summary :
Pakistan General Elections 2018: PMLN, PPP and PTI, these all Pakistani Political Parties have presented their manifesto in the race of Pakistan Elections 2018. Nawaz Sharif, Imran Khan and Zardari all are focusing on Pakistan development as the main agenda in their manifesto to seek votes form the Pakistani citizen. Unlike other Pakistan General Elections in past this time Kashmir issue is not the main agenda for the Pakistan political Parties who are in tough fight with each other.


Web Title: Pakistan General Elections 2018 Nawaz Sharif Imran Khan Zardari PMLN PPP PTI

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