पाकिस्तान में चुनाव से पहले निर्दलीय उम्मीदवार ने आत्महत्या की
By भाषा | Published: July 21, 2018 04:11 PM2018-07-21T16:11:28+5:302018-07-21T16:11:28+5:30
पाकिस्तान में राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबली के लिए 25 जुलाई को होने वाले चुनाव में पंजाब प्रांत से एक निर्दलीय उम्मीदवार ने अपने बेटों के साथ किसी विवाद को लेकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली।
लाहौर , 21 जुलाई : पाकिस्तान में राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबली के लिए 25 जुलाई को होने वाले चुनाव में पंजाब प्रांत से एक निर्दलीय उम्मीदवार ने अपने बेटों के साथ किसी विवाद को लेकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली।
मिर्जा मोहम्मद अहमद मुगल फैसलाबाद में एनए -103 और पीपी -103 निर्वाचन क्षेत्रों से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे। जियो न्यूज की खबर के अनुसार मुगल ने बेटों के साथ विवाद के बाद कथित रूप से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
एक कब्रिस्तान से उनका शव मिला। घटना के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव टाल दिया।पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं।
नवंबर आते-आते पाकिस्तान की स्लेट पर लिखी इबारत उभर कर दिखने लगी थी। साफ था कि पूर्वी पाकिस्तान अब दुनिया के नक्शे पर एक नया देश बनने जा रहा है। लेकिन इससे पहले बहुत कुछ होना शेष था। मुक्तिवाहिनी का लक्ष्य दूर नहीं था। हिंदुस्तान के समर्थन से उसका काम आसान हो गया था। हालांकि भारत आने वाले शरणार्थियों की तादाद एक करोड़ जा पहुंची थी।
अकेले त्रिपुरा में उतने शरणार्थी आए, जो उस राज्य की कुल आबादी से अधिक थे। करीब दो सप्ताह की जंग के बाद पाकिस्तान ने भारत के आगे घुटने टेक दिए। नब्बे हजार फौजियों ने हथियार डाल दिए। इसके चार दिन बाद ही थके, अपमानित और निराश याह्या खान ने गद्दी छोड़ी और जुल्फिकार अली भुट्टो ने सत्ता संभाली। एक बार फिर पाकिस्तान के लोगों ने लोकतंत्र की आहट सुनी। भुट्टो ने नए संविधान का वादा किया और 1973 में पाकिस्तान को फिर नया संविधान मिला।
इसके मुताबिक सेना के अधिकार सीमित किए गए, उसे संविधान का आदर करने और सियासत से दूर रहने की बात भी कही गई। और भी कुछ नई विधायी व्यवस्थाएं इस संविधान में थीं। अनेक अच्छे काम भी भुट्टो ने किए खास तौर पर पाकिस्तान की आर्थिक और सामाजिक बेहतरी की दृष्टि से।