पुलवामा हमला: भारत के साथ तनाव कम करने के लिए पाकिस्तान ने UN से मांगी मदद, लगाए ये आरोप
By पल्लवी कुमारी | Updated: February 19, 2019 12:41 IST2019-02-19T12:41:50+5:302019-02-19T12:41:50+5:30
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।

पुलवामा हमला: भारत के साथ तनाव कम करने के लिए पाकिस्तान ने UN से मांगी मदद, लगाए ये आरोप
जम्मू-कश्मीर पुलवामा आंतकी हमले के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी संयुक्त राष्ट्र से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की ओर से भारत के पाकिस्तान के साथ साथ बढ़े 'तनाव को कम' करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से मदद मांगी गई है। पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले में सेना के करीब 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पाक विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को सोमवार(18 फरवरी) को पत्र भेजकर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में उनकी मदद मांगी है।
Pakistan Foreign Min Shah Mahmood Qureshi in letter addressed to UN Secretary-General: It is with a sense of urgency that I draw your attention to the deteriorating security situation in our region resulting from the threat of use of force against Pakistan by India. (File pic) pic.twitter.com/G5ZptErt4r
— ANI (@ANI) February 19, 2019
इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों ने अपने-अपने उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया है। विदेशमंत्री कुरैशी ने अपने पत्र में लिखा, ''मैं भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ बल प्रयोग के खतरे के कारण हमारे क्षेत्र में खराब हो रहे सुरक्षा हालात की ओर आपका ध्यान आकर्षित करता हूं। भारतीय सीआरपीएफ जवानों पर पुलवामा में हमला स्पष्ट तौर पर एक कश्मीर निवासी ने किया था। यहां तक कि भारत ने भी यही कहा है। जांच से पहले ही इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना बेतुकी बात है।''
कुरैशी ने आरोप लगाया है, ''भारत ने घरेलू राजनीतिक कारणों से पाकिस्तान के खिलाफ अपनी शत्रुतापूर्ण बयानबाजी जानबूझकर बढ़ा दी है और तनावपूर्ण माहौल पैदा किया है। भारत ने यह भी संकेत दिया है कि वह सिंधु जल संधि से पीछे हट सकता है। तनाव कम करने के लिए कदम उठाना अनिवार्य है। तनाव कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को हस्तक्षेप करना चाहिए।''
कुरैशी ने कहा, आप भारत से तनाव को और बढ़ाने से बचने और हालात शांत करने की खातिर पाकिस्तान एवं कश्मीरियों से बातचीत करने को कह सकते हैं। विदेश मंत्री ने अनुरोध किया कि यह पत्र सुरक्षा परिषद और महासभा के सदस्यों के पास भी भेजा जाए।
भारत ने कश्मीर मामले पर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को नकार दिया है और वह कहता आया है कि भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों से जुड़े सभी मामलों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाना चाहिए। भारत से आतंकवादी हमले की मुक्त एवं विश्वसनीय जांच करने को कहा जाना चाहिए।''
पुलवामा आतंकी हमला और पुलवामा मुठभेड़ पर भारतीय सेना के जीओसी चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने साफ कर दिया है कि इस आत्मघाती हमले में पाकिस्तान के हाथ होने की शंका है। केजेएस ढिल्लन ने कहा- "जैश-ए-मोहम्मद के कश्मीर में मौजूद नेतृत्व को खत्म कर दिया गया है। जैश ए-मोहम्मद पाकिस्तानी आर्मी का ही बच्चा है।" उन्होंने कहा, जैश-ए-मोहम्मद को आईएसआई (ISI) कंट्रोल कर रही है। सेना ने साफ कर दिया है कि कश्मीर में जो भी बंदूक के साथ दिखेगा वो मारा जाएगा।आतंकी वारदातों में शामिल रहनेवालों के लिए कोई रहमदिली नहीं दिखाई जाएगी। (पीटीआई इनपुट के साथ)