पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा में चीनी नागरिक पर लगा ईशनिंदा का आरोप, हिंसक भीड़ से बचाने के लिए पुलिस ने लिया हिरासत में
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 17, 2023 05:01 PM2023-04-17T17:01:32+5:302023-04-17T17:06:47+5:30
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहिस्तान जिले में हिंसक भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में एक चीनी नागरिक पर हमले का प्रयास किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय अधिकारियों ने चीनी नागरिक को हिरासत में लिया है।
इस्लामाबाद:पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहिस्तान जिले में ईशनिंदा को लेकर उस समय स्थिति बेहद विस्फोटक हो गई, जब क्षेत्रीय लोगों ने चीन के एक नागरिक पर ईशनिंदा का आरोप लगाया और उसके जान से मारने का प्रयास किया। जानकारी के अनुसार बरसीन इलाके में ईशनिंदा से नाराज हिंसक भीड़ ने चीनी कामगारों के आवास पर पथराव कर दिया लेकिन लेकिन मौके पर पहुंचे सुरक्षाकर्मियों ने सख्ती दिखाई तो हिंसक प्रदर्शनकारी तितर-बितर हो गए।
इस संबंध में कोहिस्तान के स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि एक चीनी नागरिक को ईशनिंदा के आरोप में हिरासत में लिया गया है। वहीं आरोपी शख्स को हिरासत में लेने से पहले लोग सड़कों पर उतर कर उसकी गिरफ्तारी के लिए विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
#BREAKING: A chinese citizen in Pakistan accused of blasphemy. Mob demand arrest of him in Kohistan area. The mob attacked a camp of Chinese workers and pelted it with stones.
— Tajuden Soroush (@TajudenSoroush) April 16, 2023
https://t.co/WEpVusmQVX
वीडियो में स्पष्ट देखा जा रहा है कि नाराज भीड़ गुस्से में धार्मिक नारे लगाते हुए ईशनिंदा करने वाले आरोपी को हिंसक सजा देने की मांग कर रही है। हालांकि, अभी तक ईशनिंदा के आरोपों की सटीक पुष्टि नहीं हुई है और मामले में आधिकारिक जांच चल रही है।
खबरों के अनुसार आरोपी पर ईशनिंदा का आरोप साबित करने के लिए सबूत बेहद कमजोर हैं बावजूद उसके गुस्साए प्रदर्शनकारी चीनी कामगारों के शिविर के बाहर जमा हो गए और जबरन उनके घरों में घुसने का प्रयास किया। लेकिन जब वो ऐसा करने में असफल रहे तो उनके मकानों पर पथराव करने लगे।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार हिंसक प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर हवा में गोलियां चलाईं। जिसके बाद स्थिति काबू में हुई। प्रदर्शनकारियों द्वारा बरसीन में सड़क जाम किए जाने के कारण सैकड़ों वाहन घंटों फंसे रहे। जहां तक चीनी नागरिक का सवाल है, तो सुरक्षात्मक तौर पर उसे हिरासत में लिया गया है क्योंकि पाकिस्तान ईशनिंदा के लिए बेहद असहिष्णुता माना जाता है। इस प्रकार के ईशनिंदा के प्रकरण में पहले भी भीड़ द्वारा कई आरोपियों की हत्या की जा चुकी है बावजूद ऐसे मामलों में आरोप लगभग साबित नहीं हो पाते हैं।
बताया जा रहा है कि कोहिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में चीन के कई इंजीनियर और कामगार चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पहल रूप में विकसित हो रहे विभिन्न बिजली परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, जिसे चीन के विशाल बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के रूप में जाना जाता है।
जहां तक ईशनिंदा कानून का सवाल है तो पाकिस्तान में यह कानून लंबे समय से व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने और देश में अल्पसंख्यकों और यहां तक कि मुसलमानों को प्रताड़ित करने के लिए हथियार बनाया गया है। इसका मुख्य कारण है कि ईशनिंदा को रोकने या ऐसे मामले में हिंसा करने वालों को दंडित करने के लिए कोई कानूनी उपाय नहीं है। आज के वक्त में देखें तो औपनिवेशिक युग से चले आ रहे धार्मिक कानूनों में ईशनिंदा सबसे शर्मनाक उदाहरण में से एक बन गया है।
इससे पूर्व दिसंबर 2021 में श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा को सियालकोट में एक हिंसक भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला था। प्रियंका कुमारा पर लगे ईशनिंदा के आरोप उसकी मौत के बाद हुई जांच में गलत साबित हुए और यह पता चला कि मामला ईशनिंदा का न होकर वास्तव में व्यक्तिगत प्रतिशोध का था।
उसके बाद अंतर्राष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तानी शासन सख्स हुआ और अप्रैल 2022 में अदालत ने श्रीलंकाई नागरिक कुमारा की हत्या करने वाली भीड़ को उकसाने के आरोप में छह पाकिस्तानियों को मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि बावजूद इसके पाकिस्तान में धार्मिक विश्वासों और प्रतीकों के कथित अपमान से भड़की भीड़ द्वारा अक्सर किये जाना वाली ऐसी हिंसा पाकिस्तान की सहिष्णुता और सद्भाव के लिए आज भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है।
इस साल फरवरी में भी उग्र भीड़ ने ननकाना साहिब में एक पुलिस थाने पर धावा बोल दिया। जिसके कारण थाने के पुलिसकर्मियों को थाना छोड़कर भागना पड़ा और फिर हिंसक भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपी एक मुस्लिम युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी।