पाकिस्तान में फर्जी मुठभेड़ में मारे जा रहे बलूच नेशनल मूवमेंट के सदस्य, प्रवक्ता ने किया दावा
By विनीत कुमार | Updated: August 31, 2021 15:18 IST2021-08-31T15:07:06+5:302021-08-31T15:18:21+5:30
बलूच नेशनल मूवमेंट के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि बलूचिस्तान में पाकिस्तानी बर्बरता में ताजा बढोतरी फर्जी मुठभेड़ों के तौर पर सामने आ रही है। हाल में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं।

फर्जी मुठभेड़ में बलूच नेशनल मूवमेंट के हाल में मारे गए सदस्य (फोटो- thebnm.org)
बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) के प्रवक्ता ने एक बयान में बताया है कि पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने इस महीने फर्जी मुठभेड़ में बीएनएम के दो सदस्यों और पांच अन्य बंदियों को गैर कानूनी तरीके से मार गिराया है। ये सभी पाकिस्तानी सेना की हिरासत में थे।
बीएनएम प्रवक्ता के कहा कि बीएनएम सदस्य शहीद सद्दाम केच जिले के पनुडी दश्त का रहने वाला था और 24 अप्रैल 2018 को कराची के मलिर जिले से जबरन गायब कर दिया गया और फिर उसे बाद में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लोगों द्वारा हिरासत में लिया गया।
इस संबंध में सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाया गया था। सद्दाम एक मजदूर था जो खाड़ी देशों में काम करता था। खाड़ी से लौटने पर कराची में एक रिश्तेदार के घर पर छापेमारी के बाद उसका अपहरण किया गया और गायब कर दिया गया।
वहीं, दूसरी ओर केच जिले के सुरक निवासी लियाकत का बेटा शहीद अब्दुल गनी भी पिछले चार साल से पाकिस्तानी सेना की हिरासत में था। शहीद अब्दुल गनी पेशे से मजदूर थे। वह जब कराची से अपने गांव लौट रहा था, उसी दौरान पाकिस्तानी सेना के जवानों द्वारा उसे पसनी जीरो प्वाइंट से जबरन गायब कर दिया गया।
अब्दुल गनी मां के इलाज के लिए गया था कराची
गनी की मां की तबीयत खराब थी और वह अपनी मां को इलाज के लिए कराची ले गया था। वापस आते समय उसे जबरन गायब कर दिया गया और फिर हिरासत में ले लिया गया।
प्रवक्ता ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि सीटीडी ने फर्जी मुठभेड़ों में जिन्हें मारा वे सभी कैदी थे। पाकिस्तानी सेना ने बंदियों को मारकर मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया है। इसके लिए पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
बलूच नेशनल मूवमेंट के केंद्रीय प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि बलूचिस्तान में पाकिस्तानी बर्बरता में ताजा बढोतरी फर्जी मुठभेड़ों के तौर पर सामने आ रही है। आरोपों के अनुसार पिछले साल से पाकिस्तानी सेना ने तथाकथित काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) के नाम पर जबरन गायब किए गए लोगों की हत्या तेज कर दी है।
पाकिस्तान पहले करता था इनकार अब लगाता है झूठे आरोप
प्रवक्ता ने कहा कि पहले पाकिस्तान जबरन गायब कराए लोगों को मारने की जिम्मेदारी लेने से इनकार करता था। इसके बावजूद पाकिस्तान अपने अपराधों को छुपाने में नाकाम रहा।
प्रवक्ता के मुताबिक ऐसे में इस बर्बरता को छिपाने में नाकाम रहने के बाद अब पाकिस्तानी सेना सीडीटी के नाम पर जबरन गायब कराए गए लोगों को मार रही है और हत्याओं को स्वीकार कर रही है।
इतना कुछ होने के बावजूद पाकिस्तानी संस्थाएं उन्हें किसी भी अदालत में कानूनी रूप से दोषी नहीं ठहरा सकीं हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इन युद्ध अपराधों के लिए पाकिस्तान को एक दिन इतिहास की अदालत में खड़ा होना होगा।