ओमीक्रोन के कारण टीकों की फिर से जमाखोरी हो सकती है :टीका गठजोड़ प्रमुख
By भाषा | Updated: December 15, 2021 17:47 IST2021-12-15T17:47:17+5:302021-12-15T17:47:17+5:30

ओमीक्रोन के कारण टीकों की फिर से जमाखोरी हो सकती है :टीका गठजोड़ प्रमुख
शवन्न दे बोगिस(स्विटजरलैंड),15 दिसंबर (एपी) विकासशील देशों को कोविड-19 टीका मिलने पर जोर देने वाले संयुक्त राष्ट्र समर्थित टीका गठजोड़ ‘गावी’ के प्रमुख ने कहा है कि उन्होंने इस बारे में शुरूआती संकेत देखे हैं कि अमीर देश कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप को लेकर डर के चलते टीके दान करना रोक रहे हैं। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि टीकों की फिर से कोई भी जमाखोरी ‘‘असमानता 2.0’’की ओर ले जा सकती है।
गावी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सेथ बर्कले ने महामारी के खिलाफ करीब दो साल लंबी लड़ाई का जायजा लिया। दरअसल, गठजोड़ ने कोविड-19 टीकों के लिए अपना अद्यतन आपूर्ति अनुमान जारी किया है, जिसे इसने बार-बार घटाया है और उसे काफी हद तक ऐसा इसलिए करना पड़ा कि कुछ टीका निर्माता देशों ने टीकों निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिये तथा उसकी जमाखोरी की।
बर्कले ने जिनेवा से बाहर अपने गृह नगर में एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘(कोरोना वायरस का)ओमीक्रोन स्वरूप आने के साथ, हमने देखा है कि कई देशों में दहशत होने के चलते लोगों को बूस्टर खुराक लगाने पर जोर दिया जा रहा है।’’
उन्होंने अमीर देशों में न सिर्फ गंभीर संक्रमण के प्रति जोखिम का सामना कर रहे लोगों को, बल्कि आबादी के एक बड़े हिस्से को कोविड-19 टीके की अतिरिक्त खुराक लगाये जाने का जिक्र करते हुए यह कहा।
दुनिया भर में टीकों की करीब 10 अरब खुराक का बहुत बड़ा हिस्सा अमीर देशों में गया है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स कार्यक्रम ने महज 70 करोड़ खुराक का वितरण किया है।
बर्कले ने कहा, ‘‘हम अब यह भी देख रहे हैं कि दानदाता देश अपनी खुराक तेजी से नहीं दान करना चाह रहे हैं क्योंकि उन्हें स्थिति को लेकर अनिश्चितता है।’’
उन्होंने कहा , ‘‘बेशक, हमारी दीर्घकालीन चिंता यह है कि यदि नये स्वरूप को लेकर टीकों की जरूरत पड़ी तो, 2.0 असमानता हो सकती है, जिसमें अमीर देश एक बार फिर उन टीकों की जमाखोरी करेंगे, जैसा कि हमनें महामारी की शुरूआत में देखा था।
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