नई दिल्ली: इस्लामिक देशों के एक बड़े समूह इस्लामिक सहयोग संगठन ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश की है। समूह ने भारत में रामनवमी हिंसा और धार्मिक जुलूसों के दौरान मुसलमानों को कथित रूप से निशाना बनाने पर एक बयान जारी किया है। ओआईसी जनरल सचिवालय ने भारत में कई राज्यों में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के कथित कृत्यों की निंदा की है।
वहीं इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस्लामिक सहयोग संगठन को करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ओआईसी सचिवालय द्वारा आज भारत के संबंध में जारी बयान की हम कड़ी निंदा करते हैं। यह उनकी सांप्रदायिक मानसिकता और भारत विरोधी एजेंडे का एक और उदाहरण है। ओआईसी केवल भारत विरोधी ताकतों द्वारा लगातार हेरफेर करके अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।
ओआईसी के बयान में कहा गया है कि ओआईसी सचिवालय ने 31 मार्च 2023 को रामनवमी के जुलूसों के दौरान भारत के कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय को लक्षित हिंसा और बर्बरता के कृत्यों पर गहरी चिंता जताई है, जिसमें बिहारशरीफ में एक चरमपंथी हिंदू भीड़ द्वारा मदरसा और उसके पुस्तकालय को जलाना भी शामिल है।