अम्मान, 27 मार्च: दुनिया के कुछ नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र और सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन की मांग की है ताकि इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस दौर में इस समस्या से विश्वभर में एक ही कानून के जरिये निपटा जा सके। जॉर्डन के डेड सी के किनारे स्थित 'किंग हुसैन बिन तलाल कन्वेंशन सेंटर' में 'लॉरेट्स एंड लीडर्स फ़ॉर चिल्ड्रन' के मंच पर मौजूद इन नोबेल विजेताओं ने सोमवार को यह भी कहा कि बाल तस्करी पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए यूनिसेफ, आईएमओ और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) जैसी विश्व एजेंसियां मिलकर एक मजबूत कार्यबल का गठन करें।
लॉरेट्स एंड लीडर्स फ़ॉर चिल्ड्रन शिखर बैठक के पहले दिन सोमवार को नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने ये मांगे प्रस्तावित कीं जिनका मौके पर मौजूद दूसरे नोबेल विजेताओं और नेताओं ने समर्थन किया। सत्यार्थी ने कहा, 'पोर्नोग्राफी की दुनिया में बच्चों को शिकार बनाया जा रहा है। यह वैश्विक समस्या है जो इंटनेट के विस्तार के साथ और भयावह होती जा रही है। इसके खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय कानून की जरूरत है। इसलिए हम आज इस मंच से आह्वान करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से एक अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन लाया जाए ताकि चाइल्ड पोर्नोग्राफी और इंटरनेट के जरिए चल रही बाल अधिकार विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।"
उन्होंने कहा, 'सभी देशों की सरकारों से हमारा आग्रह है कि वे इस कदम में मदद करें क्योंकि यह समस्या किसी एक देश तक सीमित नहीं है।' मौके पर मौजूद 2011 की दो नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं तवक्कल कारमान (यमन) और लेमा बोवी (लाइबेरिया) तथा कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसका समर्थन किया।
सत्यार्थी ने यह भी कहा, 'हम इस मंच से यह मांग करते हैं कि यूनिसेफ, आईएमओ, आईएलओ तथा दूसरी वैश्विक एजेंसियां मिलकर एक मजबूत कार्यबल का गठन करें ताकि बाल तस्करी और दासता की समस्या पर अंकुश लगाया जा सके।" उन्होंने सीरिया, इराक, यमन और म्यामां की स्थिति का हवाला देते हुए कहा, 'सभी देश बच्चों की समस्याओं पर ध्यान दें। सतत विकास लक्ष्यों में बच्चों से जुड़े लक्ष्यों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये।'
आयरलैंड की पूर्व राष्ट्रपति और 'मेरी रॉबिन्सन फाउंडेशन' की अध्यक्ष मेरी रॉबिन्सन ने कहा, "आज करोड़ों बच्चे मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। हमारी पहचान इस बात से होती है कि हम अपने सबसे कमजोर का ख्याल कैसे रखते हैं।आज के दौर में सामाजिक तानेबाने को खतरा है और इस खतरे में बच्चे सबसे ज्यादा शिकार हैं। बच्चों को अधिक संरक्षण की जरूरत है। इसमें सभी लोगों को एकजुट होना होगा।' अमेरिकी मानवाधिकार कार्यकर्ता केरी केनेडी ने कहा, ' दुनिया में पांच करोड़ बच्चे मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इनको तत्काल मदद की जरूरत है। सहायता करने वाले देशों ने हाल के समय में बहुत ज्यादा दान नहीं दिया। इसे बढ़ाने की जरूरत है। अमीर देशों को और बड़ी भूमिका निभानी होगी।'
गौरतलब है कि सत्यार्थी द्वारा स्थापित ‘लॉरेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन’ की दूसरी शिखर बैठक का आयोजन 26-27 मार्च को जॉर्डन के डेड सी स्थित 'किंग हुसैन बिन तलाल कन्वेंशन सेंटर' में हो रहा है।जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन के संरक्षण में हो रही ‘लॉरेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन’ शिखर बैठक के पहले दिन पनामा के राष्ट्रपति जुआन कार्लोस वरेला रोड्रिग्वेज, जॉर्डन के शाही परिवार के सदस्य अली बिन अल हुसैन, केरी केनेडी, सत्यार्थी और कई देशों के नेता एवं नोबेल पुरस्कार विजेता मौजूद रहे।शाह अब्दुल्ला भी कार्यक्रम में पहुंचे लेकिन उन्होंने बैठक को संबोधित नहीं किया ।