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New Zealand Economy 2024: 18 महीनों में दूसरी बाद मंदी की चपेट में न्यूजीलैंड, अर्थव्यवस्था में 0.1 और प्रति व्यक्ति के हिसाब से 0.7 प्रतिशत की गिरावट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 21, 2024 11:03 IST

New Zealand Economy 2024: सितंबर तिमाही में 0.3 प्रतिशत संकुचन के बाद आई है, जो मंदी की तकनीकी परिभाषा को पूरा करती है।

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ठळक मुद्देपिछले 18 महीनों में यह न्यूजीलैंड की दूसरी मंदी है। न्यूजीलैंड ने पिछली पांच तिमाहियों में से चार में नकारात्मक जीडीपी आंकड़े दिए थे।आंकड़े की भविष्यवाणी के साथ मंदी की काफी हद तक संभावना जताई जा रही थी।

New Zealand Economy 2024: सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों के नवीनतम दौर में 2023 की अंतिम तिमाही में न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था में गिरावट की पुष्टि होने के बाद देश में 18 महीनों में दूसरी बाद मंदी का दौर आ गया है। न्यूजीलैंड की आधिकारिक सांख्यिकी एजेंसी स्टैट्स एनजेड ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि दिसंबर तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में 0.1 प्रतिशत और प्रति व्यक्ति के हिसाब से 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालिया गिरावट सितंबर तिमाही में 0.3 प्रतिशत संकुचन के बाद आई है, जो मंदी की तकनीकी परिभाषा को पूरा करती है।

पिछले 18 महीनों में यह न्यूजीलैंड की दूसरी मंदी है। स्टैट्स एनजेड ने कहा कि न्यूजीलैंड ने पिछली पांच तिमाहियों में से चार में नकारात्मक जीडीपी आंकड़े दिए थे और इसकी वार्षिक वृद्धि दर केवल 0.6 प्रतिशत थी। न्यूजीलैंड के केंद्रीय बैंक द्वारा एक सपाट आंकड़े की भविष्यवाणी के साथ मंदी की काफी हद तक संभावना जताई जा रही थी।

डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे मजबूत होकर 83.05 पर

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस साल तीन दरों में कटौती के संकेत के बाद वैश्विक बाजारों में डॉलर उच्च स्तर से पीछे चला गया। इससे बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 14 पैसे की मजबूती के साथ 83.05 पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 83.19 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 83.07 पर मजबूती के साथ खुला।

शुरुआती कारोबार में रुपया एक पैसे की बढ़त के साथ 83.02 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था। स्थानीय मुद्रा शुरुआती कारोबार में 83.08 से 83.04 के बीच कारोबार कर रही है। सुबह 9.25 बजे रुपया प्रति डॉलर 83.05 पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद के मुकाबले 14 पैसे की बढ़त दर्शाता है।

मजबूत अमेरिकी मुद्रा और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व नीति की घोषणा से पहले बुधवार को यह दो महीने के निचले स्तर 83.19 पर बंद हुआ था। भारतीय मुद्रा को मजबूती मिली क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने स्थिर मुद्रास्फीति के बावजूद इस साल तीन दर कटौती का संकेत दिया।

अमेरिकी फेड ने बुधवार को नीतिगत बैठक में अपनी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को परखने वाला डॉलर सूचकांक 0.20 प्रतिशत गिरकर 103.22 पर कारोबार कर रहा था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा गिरावट से उबरते हुए 0.63 प्रतिशत बढ़त के साथ 86.49 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 538.01 अंक बढ़कर 72,639.70 पर, जबकि निफ्टी 162.90 अंक बढ़कर 22,002 पर पहुंच गया है। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 2,599.19 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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