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नेपाल के पीएम केपी ओली की कुर्सी पर गहराया संकट, प्रचंड समेत कई बड़े नेताओं ने मांगा इस्तीफा

By अनुराग आनंद | Updated: June 30, 2020 17:32 IST

पुष्प कमल दहल प्रचंड के इस घोषणा के बाद श्री ओली अब नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी के सचिवालय और स्थाई समिति दोनों में ही अल्पमत में हैं।

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ठळक मुद्देसंभावना है कि अब केपी ओली पद बचाने के लिए जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल करें।प्रचंड को पार्टी के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों माधव नेपाल और झलनाथ खनल का भी समर्थन प्राप्त है।किसी भी समय नेपाल के पीएम पद से केपी ओली हटाए जा सकते हैं।

नई दिल्ली:नेपाल के पीएम केपी ओली के भारत के साथ उकसावे वाले रवैये के बाद अब नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी अपने आंतरिक विवादों में ही उलझ गयी है। पार्टी के अंदर ही बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं।

मिल रही जानकारी के मुताबिक, पार्टी के अंदर ही नेताओं ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के त्यागपत्र की मांग शुरू कर दी है। कम्युनिस्ट पार्टी नेपाल के प्रमुख नेता व पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड‘ इसमें सबसे आगे हैं। 

प्रचंड के अलावा इन बड़े नेताओं ने भी इस्तीफा मांगा-

नेपाल में पीएम केपी ओली के कुर्सी जाने की संभावना अब काफी बढ़ गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज (मंगलवार) को कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में पुष्प कमल दहल प्रचंड के अलावा कई बड़े नेताओं ने केपी ओली से इस्तीफा मांगा है।

उन्होंने केपी ओली पर आरोप लगाया है कि ओली ने देश के पड़ोसी मुल्कों के साथ अपने संबंध को खराब करने का काम किया है। इन नेताओं में माधव नेपाल, झलानाथ खनाल व बामदेव गौतम भी शामिल हैं। 

पुष्प कमल दहल प्रचंड ने इससे पहले ये कहा था-

बता दें कि पुष्प कमल दहल प्रचंड ने अपने प्रधानमंत्री को घेरते हुए कहा था कि ‘पीएम ओली हर मोच्रे पर विफल रहे हैं।’ इसलिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। वर्तमान में प्रचंड ही सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष हैं।

नेपाल से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली के त्यागपत्र नहीं देने पर प्रचंड ने पार्टी विभाजन तक की धमकी दे डाली है। प्रचंड ने कहा है कि श्री ओली के साथ पार्टी एकता पर उन्हें पछतावा हो रहा है और यह एकता उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक भूल थी। प्रचंड को पार्टी के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों माधव नेपाल और झलनाथ खनल का भी समर्थन प्राप्त है।

श्री प्रचंड के अलावा ये दोनों पूर्व पीएम भी श्री ओली के त्यागपत्र के पक्ष में हैं। प्रचंड के इस घोषणा के बाद श्री ओली अब नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी के सचिवालय और स्थाई समिति दोनों में ही अल्पमत में हैं। संभावना है कि अब वे पद बचाने के लिए जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल करें।

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