मुंबई हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद पर नकेल, सात दिसम्बर से आतंकवाद वित्तपोषण पर सुनवाई हर दिन
By भाषा | Updated: November 30, 2019 20:19 IST2019-11-30T20:19:51+5:302019-11-30T20:19:51+5:30
लाहौर में आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने शनिवार को सईद और उसके सहयोगियों के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण को लेकर सुनवाई की और मामले में जमात-उद-दावा प्रमुख और अन्य के खिलाफ अभ्यारोपण के लिए सात दिसंबर की तिथि निर्धारित की।

ट्रस्टों के इस्तेमाल के मामलों की जांच शुरू कर दी है।
मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता एवं प्रतिबंधित संगठन जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों को लेकर अगले महीने यहां आतंकवाद निरोधी अदालत द्वारा अभियोग चलाया जाएगा। यह जानकारी एक अधिकारी ने शनिवार को दी।
लाहौर में आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने शनिवार को सईद और उसके सहयोगियों के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण को लेकर सुनवाई की और मामले में जमात-उद-दावा प्रमुख और अन्य के खिलाफ अभ्यारोपण के लिए सात दिसंबर की तिथि निर्धारित की।
An Anti-Terrorism Court (ATC) in Lahore today announced that it would indict on December 7 Hafiz Saeed, the chief of the proscribed Jamaatud Dawa (JuD), and other JuD leaders who were booked in July for offences pertaining to terror financing: Pakistan media pic.twitter.com/vOkuCzJUPY
— ANI (@ANI) November 30, 2019
अदालत के एक अधिकारी ने सुनवाई के बाद पीटीआई से कहा, ‘‘एटीसी न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद सईद और अन्य के खिलाफ अभ्यारोपण के लिए सात दिसंबर की तारीख तय की।’’
उन्होंने कहा कि अभियोजक अब्दुर रऊफ भट्टी ने अदालत से मामले की सुनवायी जल्द पूरी करने के लिए दिन प्रतिदिन आधार पर सुनवायी करने का अनुरोध किया जिसका सईद के वकील द्वारा विरोध किया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें सबूतों और गुणदोष को लेकर सुनवायी पूरी करनी है।’’
उन्होंने बताया कि अदालत ने मामले की सुनवायी सात दिसम्बर तक के लिए स्थगित कर दी। सईद को कड़ी सुरक्षा के बीच कोट लखपत जेल से एटीसी लाया गया। पंजाब पुलिस द्वारा अपनाये गए सुरक्षा उपायों के कारण पत्रकारों को सुनवायी कवर करने के लिए अदालत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।
पंजाब पुलिस के आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने सईद और उसके सहयोगियों के खिलाफ ‘‘आतंकवाद वित्तपोषण’’ के आरोपों में पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में 23 प्राथमिकी दर्ज की थीं और जमात उद दावा प्रमुख को 17 जुलाई को गिरफ्तार किया था। वह लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है।
मामले लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में अल-अंफाल ट्रस्ट, दावातुल इरशाद ट्रस्ट और मुआज बिन जबाल ट्रस्ट सहित ट्रस्ट या गैर-लाभ संगठनों (एनपीओ) के नाम पर बनाई गई संपत्ति/संपत्तियों के माध्यम से आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए धन एकत्रित करने के लिए दर्ज किए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में पाकिस्तानी प्राधिकारियों ने लश्कर-ए-तैयबा, जमात उद दावा और उसकी परमार्थ इकाई फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) द्वारा आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए उनकी संपत्तियों और ट्रस्टों के इस्तेमाल के मामलों की जांच शुरू कर दी है।