Muhsin Hendricks: कौन थे मोहसिन हेंड्रिक्स?, समलैंगिक इमाम की गोली मारकर हत्या...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 17, 2025 20:29 IST2025-02-17T20:28:31+5:302025-02-17T20:29:39+5:30
Muhsin Hendricks: पुलिस ने बताया कि हत्या में शामिल लोगों ने अपने चेहरे ढके हुए थे। सुरक्षा कैमरों में दर्ज वीडियो में दिख रहा है कि एक हमलावर अपनी गाड़ी से कूदता है।

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Muhsin Hendricks: दक्षिण अफ्रीका में एक इमाम की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई जब वह अपनी कार में बैठा हुआ था। इस शख्स के बारे में कहा जाता है कि वह पहला समलैंगिक इमाम था। कुछ लोगों का कहना है कि उसका कत्ल उसके विचारों की वजह से किया गया है। मोहसिन हेंड्रिक्स की शनिवार को दक्षिणी शहर गकेबरहा में एक पिकअप ट्रक में सवार दो व्यक्तियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि हत्या में शामिल लोगों ने अपने चेहरे ढके हुए थे। सुरक्षा कैमरों में दर्ज वीडियो में दिख रहा है कि एक हमलावर अपनी गाड़ी से कूदता है।
हेंड्रिक्स की कार की तरफ भागते हुए जाता है और पिस्तौल से कई बार गोली चलाता है। पुलिस ने हत्या के पीछे कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन राजनीतिक दलों और एलजीबीटीक्यू संगठनों का कहना है कि हेंड्रिक्स को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उसने केप टाउन में समलैंगिक लोगों के लिए एक मस्जिद खोली थी और एलजीबीटीक्यू समुदाय के सदस्यों का इस्लाम में स्वागत करने का आह्वान किया था।
इस्लाम धर्म में समलैंगिकता वर्जित है। दक्षिण अफ्रीका के न्याय मंत्रालय ने कहा कि वह इस दावे की जांच कर रहा है कि हेन्ड्रिक्स की हत्या की गई है। हेन्ड्रिक्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता था और उसने पिछले वर्ष दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ‘इंटरनेशनल लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांस एवं इंटरसेक्स एसोसिएशन’ के सम्मेलन में भाषण दिया था।
हेन्ड्रिक्स 1990 के दशक के मध्य में सार्वजनिक रूप से समलैंगिक इमाम के रूप में सामने आया था और उसने एक सहायता नेटवर्क शुरू किया तथा बाद में समलैंगिक मुसलमानों के लिए एक मस्जिद भी बनवाई। उसने अपने अल-ग़ुरबाब फाउंडेशन के माध्यम से उनके समावेश की वकालत की और खुद को "दुनिया का पहला खुले तौर पर समलैंगिक इमाम" कहा।
दक्षिण अफ्रीका की मुस्लिम न्यायिक परिषद ने कहा कि हेंड्रिक्स की स्थिति इस्लामी शिक्षाओं के अनुरूप नहीं है, "हम उसकी हत्या और एलजीबीटीक्यू समुदाय या किसी अन्य समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाकर की गई हिंसा की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं।”